30 स्कूलों में ताले, नए के लिए अर्जियां भी नहीं आ रही, सिर्फ 16 ने ली रुचि
कभी नए स्कूल खोलने के लिए थाेक में आने वाले आवेदनाें की जगह इस बार गिनती की अर्जियां इसके लिए लगी हैं। आवेदनों में यह कमी देखकर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी भी हैरान हैं। पहली से आठवीं कक्षा तक नवीन स्कूल खोलने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा आवेदन मंगाए गए थे। रायपुर जिले में 100 के लगभग आवेदन हर वर्ष नए स्कूल खोलने के लिए आते थे। इनमें अधिकतर वे ही शामिल होते थे, जो किराए की बिल्डिंग में अथवा अपेक्षाकृत छोटे स्वरूप में स्कूल संचालित करते थे।;
रायपुर. कभी नए स्कूल खोलने के लिए थाेक में आने वाले आवेदनाें की जगह इस बार गिनती की अर्जियां इसके लिए लगी हैं। आवेदनों में यह कमी देखकर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी भी हैरान हैं। पहली से आठवीं कक्षा तक नवीन स्कूल खोलने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा आवेदन मंगाए गए थे। रायपुर जिले में 100 के लगभग आवेदन हर वर्ष नए स्कूल खोलने के लिए आते थे। इनमें अधिकतर वे ही शामिल होते थे, जो किराए की बिल्डिंग में अथवा अपेक्षाकृत छोटे स्वरूप में स्कूल संचालित करते थे।
इस वर्ष 16 आवेदन जिला शिक्षा कार्यालय रायपुर को मिले हैं। इनके अतिरिक्त कुछ आवेदन कक्षा बढ़ाने के लिए मिले हैं। अर्थात पांचवीं से उन्नत होकर आठवीं कक्षा तक के संचालन की अनुमति मांगी गई है। नवीन स्कूल के मान्यता के लिए आवेदन प्रक्रिया जनवरी में प्रारंभ हुई थी। 5 फरवरी तक इसके लिए आवेदन मंगाए गए थे। जिन्होंनें आवेदन किए हैं, उनकी जांचकर आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
ऐसे हैं आंकड़े
कम होते कोरोना संक्रमण के बीच भी छोटे निजी स्कूलों की समस्याएं खत्म नहीं हो रही हैं। कोरोना काल के दौरान बंद हो चुके स्कूलों के अलावा रायपुर जिले के 30 अन्य स्कूल ऐसे हैं, जो इस वर्ष बंद होने जा रहे हैं। इसके लिए उन्हाेंने जिला शिक्षा कार्यालय में आवेदन भी सौंप दिया है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश में 500 के लगभग निजी स्कूल बंद हुए हैं। इनमें से अधिकतर छोटे स्कूल ही हैं। आर्थिक तंगी के कारण वे स्कूल बिल्डिंग का किराया भी नहीं दे पा रहे थे। सूत्रों की मानें तो जुलाई से नया सत्र प्रारंभ होने के पहले बंद होने वाले स्कूलों के आंकड़ें में और इजाफा हो सकता है। हजार के लगभग यह संख्या सत्र अंत तक पहुंच जाएगी।
हमारा दर्द समझें
प्रशासन और आम लोगों को चाहिए कि वे निजी स्कूलों का दर्द समझें। यही स्थिति रही, तो नए स्कूल नहीं खुल सकेंगे।
- राजीव गुप्ता, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन