ट्रांसपोर्टरों-सीमेंट उद्योग की वार्ता फिर फेल, परिवहन अब तक बंद
प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों की सीमेंट उद्योगों के साथ गुरुवार को माल भाड़ा बढ़ाने को लेकर हुई वार्ता एक बार फिर फेल हो गई है। अब एक बार फिर 8 मार्च को बैठक कर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास होगा। एक सप्ताह से परिवहन बंद हाेने के बाद भी बाजार पर इसका ज्यादा असर नजर नहीं आ रहा।;
प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों की सीमेंट उद्योगों के साथ गुरुवार को माल भाड़ा बढ़ाने को लेकर हुई वार्ता एक बार फिर फेल हो गई है। अब एक बार फिर 8 मार्च को बैठक कर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास होगा। एक सप्ताह से परिवहन बंद हाेने के बाद भी बाजार पर इसका ज्यादा असर नजर नहीं आ रहा। हालांकि इसका फायदा उठाकर कुछ कंपनियों के डीलरों ने मुनाफाखोरी प्रारंभ कर दी है। एक कंपनी ने तो दस रुपए सीमेंट की कीमत बढ़ा भी दी है।
डीजल की कीमत में लगातार लगी आग के कारण प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों ने सीमेंट उद्योगों से परिवहन बंद कर दिया है। सीमेंट प्लांटों से दो सौ रुपए प्रति टन भाड़ा बढ़ाने की मांग की गई लेकिन सीमेंट प्लांटों ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया। ऐसे में 26 फरवरी से ट्रांसपोर्टरों ने सीमेंट प्लांटों से माल उठाना बंद कर दिया है। जहां प्रदेश में कहीं माल सप्लाई नहीं हो रही है वहां दूसरे राज्यों से आने वाले ट्रांसपोर्टरों को भी माल उठाने नहीं दिया जा रहा है। गुरुवार काे बलौदाबाजार के कलेक्टर द्वारा ट्रांसपोर्टरों और सीमेंट उद्योगों के प्रतिनिधियों को बुलाकर बात की लेकिन उनके बीच माल भाड़े को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी।
बाजार में टोटा नहीं, पर अवैध वसूली हो रही
बाजार में सीमेंट का कारोबार करने वालों के पास अभी चिल्हर और थोक में स्टॉक की कमी नहीं है। कारोबारियों का कहना है कि राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के हर शहर में ज्यादातर कंपनियों ने अपने गोदाम बना रखे हैं। राजधानी रायपुर में हर कंपनी के पांच से छह गोदाम हैं। हर गोदाम में तीन से चार सौ टन स्टॉक रहता है। बिल्डिंग मटेरियल का काम करने वाले सुधीर गौतम का कहना है कि अभी स्टॉक होने के कारण परेशानी नहीं है लेकिन हड़ताल लंबी चली तो थोक कारोबारियों से माल मिलना बंद हो जाएगा तो परेशानी होगी। जानकारों का कहना है कि कुछ कंपनी के डीलरों ने मौके का फायदा उठाते हुए अवैध रुप से दस रुपए प्रति बोरी पर कीमत बढ़ा दी है। डीलर उन लोगों से ही ज्यादा पैसा ले रहे हैं, जो उनके नियमित ग्राहक नहीं हैं।
रीयल एस्टेट पर अभी असर नहीं
रायपुर में ही रीयल एस्टेट की कई योजनाओं चल रही हैं। इसी के साथ प्रदेश के दूसरे शहरों में ऐसी योजनाओं पर काम चल रहा है। इसके अलावा कई सरकारी योजनाओं पर भी काम चल रहा है। बिल्डर शैलेश वर्मा का कहना है कि अभी तो ज्यादातर योजनाओं की साइट के साथ कंपनियों के गोदाम में स्टॉक होने के कारण परेशानी सामने नहीं आई है लेकिन स्टॉक ज्यादा से ज्यादा एक सप्ताह तक चलेगा। हड़ताल एक सप्ताह और चली तो परेशानी होगी और सारी योजनाओं पर इसका असर पड़ेगा।