पेट्रोल की आग मे झुलसे ट्रक-बस मालिक, ट्रक मालिकों ने कहा- किराया नहीं बढ़ा तो संचालन संभव नहीं
पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगी आग अब परिवहन को भी झुलसाने लगी है। एक तरफ ट्रक संचालकों ने प्रदेश सरकार से माल भाड़ा तय करने की मांग करते हुए साफ कहा है, अगर माल भाड़ा तय नहीं किया गया तो ट्रकों का संचालन बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा। इसको लेकर रणनीति बनाने सोमवार को बैठक रखी गई है। इधर बस संचालकों ने प्रदेश सरकार से किराया बढ़ाने की मांग रखी है। बस संचालक प्रति किमी पर 40 से 45 पैसे की वृद्धि चाहते हैं।;
रायपुर. पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगी आग अब परिवहन को भी झुलसाने लगी है। एक तरफ ट्रक संचालकों ने प्रदेश सरकार से माल भाड़ा तय करने की मांग करते हुए साफ कहा है, अगर माल भाड़ा तय नहीं किया गया तो ट्रकों का संचालन बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा। इसको लेकर रणनीति बनाने सोमवार को बैठक रखी गई है। इधर बस संचालकों ने प्रदेश सरकार से किराया बढ़ाने की मांग रखी है। बस संचालक प्रति किमी पर 40 से 45 पैसे की वृद्धि चाहते हैं।
छत्तीसगढ़ से करीब तीन लाख ट्रकों का संचालन राष्ट्रीय स्तर पर होता है। इसके लिए कोई भी माल भाड़ा तय नहीं है। समय और स्थिति के हिसाब से ही भाड़ा तय होता है। ट्रक संचालकों के मुताबिक जब सप्लाई ज्यादा होती है और पीक समय रहता है तो ऐसे समय में रायपुर से पंजाब का भाड़ा साढ़े तीन हजार रुपए टन के हिसाब से मिल जाता है, लेकिन जब सप्लाई कम रहती है तो यह भाड़ा ढाई हजार भी मुश्किल से मिलता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि किसी भी शहर के लिए काेई भाड़ा ही तय नहीं है।
लगातार 12 दिनों से रोज बढ़ रहा रेट
छत्तीसगढ़ में पेट्रोल की कीमत में लगी आग थमने का नाम नहीं ले रही है। जनवरी में जहां कीमत 85 रुपए के पार हो गई थी, वहीं अब फरवरी में कीमत 89 रुपए से ज्यादा हो गई है। लगातार 12 दिनों से कीमत में रोज इजाफा हो रहा है। कीमत में राहत के आसार नजर नहीं आ रहे। केंद्र सरकार ने पहले ही एक्साइज ड्यूटी कम न करने का ऐलान कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमत तय होती है। कई बार कीमत कई दिनों तक यथावत रहती है तो कई बार रोज कीमत में इजाफा होता जाता है। ऐसा बहुत कम होता है कि कीमत में लगातार कमी आती है। अगर नए साल के पहले माह की ही बात करें तो साल के पहले दिन पेट्रोल की कीमत 82.46 रुपए थी, लेकिन अब तक कीमत में 6.60 रुपए का इजाफा हो चुका है। जनवरी में ही कीमत 85.21 रुपए तक पहुंच गई थी। यह कीमत 27 जनवरी को थी।
अक्टूबर से अब तक दस रुपए बढ़ा दाम
रायपुर में पेट्रोल की कीमत में अक्टूबर से अब तक करीब दस रुपए (9.84 रुपए) का इजाफा हो चुका है। अक्टूबर में पेट्राेल की न्यूनतम कीमत 79.76 रुपए 29 तारीख को थी। इसके पहले अधिकतम कीमत 7 अक्टूबर को 80.12 रुपए थी। नवबंर में 3 तारीख को न्यूनतम कीमत 79.76 रुपए और अधिकतम 81.14 रुपए 29 नवंबर को रही। दिसंबर में पहले दिन कीमत 81.03 रुपए और इस माह अधिकतम कीमत 9 दिसंबर को 82.71 रुपए रही। जनवरी में पेट्रोल की कीमत 1 तारीख को 82.46 रुपए और 27 जनवरी को रिकार्ड 85.21 रुपए थी। फरवरी में अब यह कीमत 89 रुपए पार कर 89.06 पर पहुंच गई है।
राज्य सरकार को तय करना है भाड़ा
छत्तीसगढ़ ट्रक एसोसिएशन के सुखदेव सिंह सिद्धू का कहना है, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को पिछले साल जुलाई में पत्र लिखकर अपने राज्य से संचालित होने वाले ट्रकों का भाड़ा तय करने कहा है, लेकिन अब तक प्रदेश सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया है। अब उसी पत्र के आधार पर प्रदेश सरकार से न्यूनतम भाड़ा तय करने की मांग एक बार फिर से कर रहे हैं। इसके लिए सोमवार को बलौदाबाजार में संघ की बैठक रखी गई है। बैठक में चर्चा के बाद रणनीति तय होगी। ऐसे में अगर प्रदेश सरकार ने भाड़ा तय नहीं किया तो ट्रकों का संचालन बंद करके चाबी सौंपने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा।
बसों का किराया बढ़ाने की मांग
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के अनवर अली का कहना है, हम लोग लगातार किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, पर प्रदेश सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर रही है। हमने एक बार फिर से प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है। पहले ही कोरोना के कारण बस संचालकों की हालत खराब है। लंबी दूरी से लेकर छोटी दूरी की बसों में यात्री कम ही मिल रहे हैं। ऐसे समय में पेट्रोल-डीजल की कीमत के कारण बहुत ज्यादा घाटा हो रहा है। श्री अली का कहना है, बसों का किराया इस समय 85 पैसे प्रति किमी तय है। इसको हम लोग 1.30 रुपए और एसी बसों का जो किराया 1.20 रुपए है, उसे बढ़ाकर 1.60 रुपए चाहते हैं। इसी के साथ रात काे चलने वाली बसों का किराया 2 रुपए किए जाने की मांग भी है।
फरवरी में लगातार इजाफा
छत्तीसगढ़ में पेट्रोल की कीमत का लगातार रिकार्ड टूट रहा है। फरवरी में पिछले 12 दिनों से लगातार कीमत बढ़ रही है। 1 से 3 फरवरी तक कीमत 84.96 रुपए पर स्थिर रही। इसके बाद 4 फरवरी को कीमत में 33 और 5 फरवरी को 28 पैसे का इजाफा हुआ। दो दिन कीमत स्थिर रहने के बाद 8 फरवरी को कीमत में दस पैसों की कमी आई। 9 फरवरी को कीमत में 52 पैसे का इजाफा हुआ। इसके बाद से लगातार कीमत बढ़ रही है। 20 फरवरी को कीमत में 38 पैसे का इजाफा हुआ और कीमत पहुंच गई 89 रुपए से पार होकर 89.06 रुपए। फरवरी में अब तक कीमत में 4.64 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है।