एक गांव के दो मोहल्ले हैं अलग-अलग राज्यों का हिस्सा

एक ही गांव के दो मोहल्लों में से एक खुशहाल है तो दूसरा उतना ही बदहाल। छत्तीसगढ़ के हिस्से में आने वाले माहल्ले में बिजली है, पानी है, सड़क है, राशन कार्ड पर प्रति व्यक्ति 7 किलो चावल मिलता है, वहीं ओडिशा के हिस्से में आने वाले मोहल्ले में अंधकार है, सड़क खस्ताहाल है। पढ़िये पूरी खबर-;

Update: 2021-09-25 07:39 GMT

घोघरा गांव का एक मोहल्ला छत्तीसगढ़ में तो दूसरा मोहल्ला है ओडिशा के हिस्से में

बरमकेला-सरिया। ओडिशा की सीमा पर एक गांव ऐसा भी है, जिसका एक मोहल्ला छत्तीसगढ़ में आता है तो दूसरा मोहल्ला ओडिशा राज्य का हिस्सा है। बरमकेला ब्लॉक का ग्राम पंचायत घोघरा छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनो प्रांतों का हिस्सा है। एक ही गांव के दो मोहल्लों में से एक खुशहाल है तो दूसरा उतना ही बदहाल। छत्तीसगढ़ के हिस्से में आने वाले माहल्ले में बिजली है, पानी है, सड़क है, राशन कार्ड पर प्रति व्यक्ति 7 किलो चावल मिलता है, वहीं ओडिशा के हिस्से में आने वाले मोहल्ले में अंधकार है, सड़क खस्ताहाल है। बिजली-पानी का कोई ठिकाना नहीं है। गांव की बीएमडब्ल्यू सड़क ही गांव को दो अलग अलग राज्यों में बांटती है। गांव का कंधपारा मोहल्ला ओडिशा राज्य का हिस्सा है। इसलिए कंधपारा के रहवासियों का आधार कार्ड, राशन कार्ड ओडिशा से बना हुआ है। इन ग्रामीणों के खेत छत्तीसगढ़ में हैं। ओडिशा के हिससे में आए मोहल्ले वासियों को सरकारी राशन दुकान से प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन मिलता है वहीं छत्तीसगढ़ के हिस्से में आए ग्रामीणों को प्रति व्यक्ति 7 किलो चावल मिलता है। तो इस तरह घोघरा गांव के दो मोहल्ले अलग अलग राज्यों का हिस्सा बनकर अपनी अलग अलग हालत में हैं। ओडिशा के हिस्से में गए ग्रामीण वर्षों से अपने मोहल्ले को भी छत्तीसगढ़ में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

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