पलेम में 5 मौत के बाद जागा प्रशासन, जांच करने पहुंचे डॉ. नागराजू

सुकमा जिले के विकासखंड छिन्दगढ़ के ग्राम पंचायत पलेम में पिछले एक सप्ताह में लगातार 5 मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा है। चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नागराजू अपनी टीम के साथ जांच करने पालेंम पहुंचे। पलेम के कुंजामी आयता पिता सोनू 25 वर्ष की 13 फरवरी, कवासी नन्दा पिता हिरमा 30 वर्ष की 15 फरवरी, मंगली पति कोशा 50 वर्ष की 17 फरवरी एवं कुंजामी मुक़ा पिता देवा 30 वर्ष व सोमारू पिता बुधरा 22 वर्ष की 21 फरवरी को 9 दिनों के अंदर पांच ग्रामीणों की मृत्यु हो गई। इन 9 दिनों के बीच स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी न तो इनके परिजनों का हाल पूछने आया व न ही इस संबंध में कोई जानकारी ही जुटाने का प्रयास किया कि इस गांव में लगातार मृत्यु क्यों हो रही है।;

Update: 2021-02-24 03:37 GMT

तोंगपाल. सुकमा जिले के विकासखंड छिन्दगढ़ के ग्राम पंचायत पलेम में पिछले एक सप्ताह में लगातार 5 मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा है। चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नागराजू अपनी टीम के साथ जांच करने पालेंम पहुंचे। पलेम के कुंजामी आयता पिता सोनू 25 वर्ष की 13 फरवरी, कवासी नन्दा पिता हिरमा 30 वर्ष की 15 फरवरी, मंगली पति कोशा 50 वर्ष की 17 फरवरी एवं कुंजामी मुक़ा पिता देवा 30 वर्ष व सोमारू पिता बुधरा 22 वर्ष की 21 फरवरी को 9 दिनों के अंदर पांच ग्रामीणों की मृत्यु हो गई। इन 9 दिनों के बीच स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी न तो इनके परिजनों का हाल पूछने आया व न ही इस संबंध में कोई जानकारी ही जुटाने का प्रयास किया कि इस गांव में लगातार मृत्यु क्यों हो रही है।

शरीर में सूजन व पीले मूत्र की थी शिकायत

जब ग्रामवासियों से इनके बीमारी के संबंध में पूछा तो सभी ने मंगली को छोड़कर अन्य सभी चारों मृतकों में हाथ पैर व शरीर में सूजन व पीले मूत्र की बीमारी होने की बात कही। डॉक्टर नागराजू ने कहा अभी इनकी मृत्यु के संबंध में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी पर जिस प्रकार के लक्षण ग्रामवासी बता रहे हैं। उससे जहरीली शराब मृत्यु का कारण हो सकती है। बाकी सही जानकारी परीक्षण के उपरांत ही बताया जा सकेगा।

मृतक कई माह से बीमार था

पलेम के सभी मृतक पिछले कई कई माह से बीमार थे। जिसमें सोमारू पिछले 5-6 माह से बीमार था, जिसका इलाज भी तोंगपाल अस्पताल में किया गया था तथा नंदा भी पिछले एक माह से बीमार था। उसे तोंगपाल अस्पताल ले जाया गया था, जहां से उसे मेकाज डिमरापाल रेफर कर दिया गया था। जहां उसकी मृत्यु हो गई। मृतक मंगली भी कई माह से बीमार थी, जिसकी मृत्यु घर पर पर हुई। मृतकों में मुक़ा एवं आयता गांव में ही सिरहा के पास अपना इलाज करवा रहे थे व इनकी भी मृत्यु हो गई। विदित हो कि विकासखंड से मात्र 20 व जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर मुख्य मार्ग से मात्र 1 किमी अंदर बसा हुआ है पलेम गांव उसके बाद भी इस गांव में इतना अंधविश्वास व अशिक्षा व्याप्त है कि ग्रामीण अस्पताल में इलाज करवाने में मृत्यु हो जाने की डर से सिरहा गुनियां से अपना इलाज करवाने में अपने आपको सुरिक्षत महसूस करते हैं। जिसका खामियाजा आज इस गांव को 5-5 ग्रामीणों की जान देकर चुकाना पड़ा। यदि समय रहते इस क्षेत्र में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के द्वारा इस सम्बंध में ग्रामीणों को समझाया जाता तो शायद इतनी बड़ी घटना को टाला जा सकता था।

 अस्पताल में हो जाती है मौत, इस भय से नहीं गए

पलेम की मितानिन सुखमती एवं मोती ने बताया कि हम लोगों ने मुक़ा व आयता को बहुत समझाया कि अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाएं। हम उन्हें अपने साथ अस्पताल जाने बार-बार कहते रहे, परन्तु उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि अस्पताल जाने से किडनी निकाल लेते हैं। जिसके कारण मृत्यु हो जाती है। हम लोग अस्पताल नहीं जाएंगे। यहीं सिरहा गुनियां करके अपना इलाज करवाएंगे इसी लापरवाही के कारण इन दोनों की मृत्यु हो गई।

जहरीली शराब का अंदेशा

अंदेशा है कि मृत्यु का कारण जहरीली शराब हो सकती है, पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

डॉ. नागराजू, चिकित्सा अधिकारी

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