अश्विनी सिन्हा-गरियाबंद। यह कहानी है छत्तीसगढ़ के वनांचल में बसे गरियाबंद जिला मुख्यालय से लगते जंगल की। यहां एक 3-4 साल का तेंदुआ रहता है। वह रोज-रोज जंगल में रहकर बोर हो गया था... वही पेड़-पौधे, नदी-नाले, चिड़ियों की अजीब-अजीब आवाजें... उसका दोस्त भी तो वहां कोई नहीं था, कोई नया चेहरा देखने को उसे नहीं मिलता... आखिरकार उसने जीवन में कुछ तूफानी करने की ठान ली... बस यूं ही वह निकल पड़ा जंगल से बाहर.. चलते-चलते उसे जगमगती रोशनी दिखी... यह उसके लिए बिलकुल नया था, उसे मजा आने लगा... फिर थोड़ा और चलने पर उसे चिकनी सड़क मिली, उस पर चलते-चलते वह शहर के किनारे आ पहुंचा, बड़े-बड़े मकानों के भीतर से मानव रक्त की महक उसके नथुनों से टकराने लगी तो वह कौतूहल से भर उठा... फिर उसने क्या किया... देखिए एक्सक्लूसिव वीडियो... यह वीडियो गरियाबंद शहर के रावणभाटा क्षेत्र में रिकार्ड हुआ है। सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है शहर की कालोनी में घूमता हुआ तेंदुआ। व्यवसायी केशव साहू के मकान के बाउंड्रीवाल में विचरण करता दिखा है यह तेंदुआ।