छत्तीसगढ़ भाजपाध्यक्ष बनते-बनते रह गया ये आदिवासी नेता साबित हो सकता है सरप्राइज एलिमेंट...
चन्द्रकांत शुक्ला
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों में भाजपा ने बाजी मार ली है। चुनाव नतीजों के बाद से ही इन तीनो राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ से भी मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में भी भाजपा जो चेहरे चर्चा में हैं उनसे इतर कोई सरप्राइज दे सकती है।
तो क्या और कौन हो सकता है वो सरप्राइजिंग चेहरा ? आज मैं आपसे एक ऐसे ही चेहरे की चर्चा करना चाहता हूं... जो भाजपा शीर्ष नेतृत्व की ओर से सरप्राइज एलिमेंट के तौर पर सीएम पद के लिए घोषित किया जा सकता है। सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीटें भाजपा ने जीती हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि, मुख्यमंत्री सरगुजा संभाग से भी हो सकता है। मीडिया में सरगुजा संभाग से दो संभावित दावेदार बताए जा रहे हैं। रेणुका सिंह और विष्णुदेव साय। लेकिन, छत्तीसगढ़ की सियासत की समझ रखने वालों को पता है कि रेणुका सिंह दबंग नेत्री हैं, उन्हें चुनाव लड़ना और जीतना आता है। लेकिन पार्टी को उनमें सीएम मटेरियल दिखेगा... ऐसी कोई संभावना नहीं है। अब बात करते हैं दूसरे चेहरे यानी विष्णुदेव साय की। बेहद शालीन और सरल स्वभाव वाले श्री साय लोकप्रिय सांसद, प्रदेश अध्यक्ष या विधायक तो हो सकते हैं लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभालने की जिम्मेदारी पार्टी उनको सौंपेगी ऐसा नहीं लगता।
तो फिर सरगुजा से उस सरप्राइज एलिमेंट का नाम क्या हो सकता है, जो प्रदेश भाजपाध्यक्ष बनते-बनते रह गए थे। वह नाम है छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम का। जिस वक्त छत्तीसगढ़ में भाजपा नेतृत्व संकट के दौर से गुजर रही थी, तब श्री नेताम राज्यसभा के सांसद थे। उस वक्त सियासी गलियारों में उनको प्रदेश भाजपाध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा तेजी से चली थी। लेकिन एन वक्त पार्टी ने उनकी जगह ओबीसी चेहरा बिलासपुर सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। श्री नेताम को इस चुनाव में पार्टी नेतृत्व ने काफी महत्व भी दिया। उनकी सीट पर चुनाव दूसरे चरण में था, लेकिन फिर भी उनको प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान पहले चरण की वोटिंग वाले नामों के साथ पहली ही सूची में शामिल रहा। श्री नेताम ने अपनी सीट पर तो चुनाव लड़ा ही, बल्कि सरगुजा की अन्य सीटों पर प्रचार के लिए भी गए। सरगुजा के कई क्षेत्रों के भाजपा प्रत्याशियों ने श्री नेताम को प्रचार के लिए अपने क्षेत्र में भेजे जाने की गुजारिश भी पार्टी से की थी। इसी के चलते पार्टी ने मतदान को कुछ दिन शेष रहने पर उन्हें बाकायदा हेलिकाप्टर भी आफर किया।
रामविचार नेताम दो बार प्रदेश में मंत्री भी रहे हैं। इस नाते उन्हें प्रशासनिक अनुभव भी है। उनके नाम पर कोई विरोध के स्वर भी कहीं से उठेंगे ऐसा नहीं लगता। श्री नेताम पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में उनके अधीन काम कर चुके हैं। दोनो के संबंध भी मधुर ही बताए जाते हैं। ऐसे में रामविचार नेताम वह नाम हो सकते हैं, जो सीएम पद के लिए ज्यादा चर्चा में तो नहीं है, लेकिन सरप्राइज एलिमेंट के तौर पर 'ऊपर' से सामने आ सकते हैं।