पत्नी पीड़ित पति को मिली तलाक की अनुमति : गुटखा, शराब की शौकीन महिला ने कर रखा था ससुराल वालों की नाक में दम
पति ने पत्नी की खिलाफ याचिका दायर कर कहा कि उसकी पत्नी नशे की हालत में आत्महत्या की कोशिश कर ससुरालवालों को फंसाने की धमकी देती है और घर में गंदगी फैलाती है। साथ ही उसकी पत्नी परिजनों पर क्रूरता भी करती है। पढ़िए पूरी खबर...;
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी से एक अनूठा घरेलू हिंसा का मामला सामने आया है। हम इसे अनूठा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस बार घरेलू हिंसा का शिकार पत्नी नहीं बल्कि पति है। यहां एक पति ने पत्नी के खिलाफ न्यायालय में क्रूरता करने की याचिका दायर की थी। बताया जा रहा है कि महिला आत्महत्या की कोशिश कर ससुराल वालों को झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी भी देती थी। इस पर कोर्ट ने महिला को तलाक देने का प्रस्ताव मान लिया है। यह पूरा मामला कोरबा जिले का है।
दरअसल यहां एक पति ने पत्नी की खिलाफ याचिका दायर कर कहा कि उसकी पत्नी नशे की हालत में आत्महत्या की कोशिश कर ससुरालवालों को फंसाने की धमकी देती है और घर में गंदगी फैलाती है। साथ ही उसकी पत्नी परिजनों पर क्रूरता भी करती है। इस मामले में जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की बेंच ने इस केस में कोरबा के फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए, पति को तलाक के लिए हकदार माना है।
मिली जानकारी के अनुसार बांकीमोंगरा में रहने वाले उदय शर्मा की शादी 2015 में कटघोरा की प्रिया से हुई थी। शादी के महज सात दिन बाद ही सुबह उसकी पत्नी बिस्तर में अचेत पड़ी हुई थी और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। प्रार्थी परेशान होकर उसे इलाज कराने के लिए लेकर गया। इस दौरान पता चला कि वह पान मसाला, गुटखा, शराब और नॉनवेज खाने की आदी है। शुरुआत में उन्हें लगा कि शादी के बाद महिला का व्यवहार बदल जाएगा, लेकिन उल्टा ससुराल वालों के प्रति उसका व्यवहार बदल गया और आए दिन वह उनसे दुर्व्यवहार करने लगी। शादी के बाद भी उसकी गंदी आदतें नहीं छूटीं। वह गुटखा खाकर बेडरूम में इधर-उधर थूक देती थी, उसे मना करने पर वह लड़ाई झगड़ा करने लग जाती थी।
कई बार कर चुकी आत्महत्या का प्रयास
वहीं, एक बार महिला ने अपने ऊपर आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। ससुरालवालों ने आग बुझाकर उसकी जान बचाई। इसके बाद उसने दो बार छत से कूदकर और फिर दो बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था, लेकिन हर बार घरवाले उसे बचाने के लिए मशक्कत करते रहे।
बिना किसी को बताए करा लिया गर्भपात
इस दौरान जब महिला गर्भवती हुई, तब उसने अपने पति की जानकारी के बिना ही गर्भपात करा लिया। इसके बाद ससुरालवालों को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगी। पति ने उसके इस तरह के व्यवहार को देखकर साइकेट्रिस्ट डॉक्टर से उपचार भी कराया, लेकिन इसके बाद भी वह नहीं सुधरी। बाद में पत्नी की हरकतों को देखकर पति ने थाने में शिकायत कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आखिरकार पत्नी की हरकतों से तंग आकर पति ने कोरबा के फैमिली कोर्ट में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1)(i-a) के तहत तलाक के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। लेकिन कोर्ट ने उनके सबूतों को नजरअंदाज करते हुए आवेदन को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के निर्णय को खारिज किया
इसके बाद पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। यहां कोर्ट ने पत्नी की आदत, पति और ससुरालवालों को झूठे केस में फंसाने की धमकी, बार-बार खुदकुशी का प्रयास करना और बगैर अनुमति के गर्भपात कराने जैसे वव्यवहारों को, पति और ससुरालवालों के साथ क्रूरता माना है। डिवीजन बेंच ने कहा है कि इस तरह के केस में सूबतों पर कोर्ट को विचार करना चाहिए। हाईकोर्ट ने कोरबा के फैमिली कोर्ट के निर्णय को खारिज करते हुए, पति के तलाक के आदेवन को स्वीकार किया है।