World tribal day: मणिपुर की घटना से आहत समाज ने निकाली आक्रोश रैली, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
धर्मनगरी डोंगरगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस पर समाज ने आक्रोश रैली निकाली। समाज के लोगों ने कहा कि, ब्रिटिश काल में भी हमारी जाति के साथ ऐसी शर्मसार घटना घटित नहीं हुई, जैसी आजाद भारत में घटित हो रही है। पढ़िए पूरी खबर...;
राजा शर्मा-डोंगरगढ़। धर्मनगरी डोंगरगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस (world tribal day) पर जनजाति समाज ने आक्रोश रैली निकाली। समाज के लोगों ने कहा कि, मणिपुर में जनजाति समाज के साथ जो घटना घटी है वह शर्मसार करने वाली घटना है। अब तक शासन-प्रशासन ने इस घटना को संज्ञान में नहीं लिया। अगर ऐसा दुबारा हुआ तो पूरा देश सचेत हो जाए कि, जनजाति समाज सहन नहीं करेगा। विश्व आदिवासी दिवस पर खुशियां न मना कर हमने आक्रोश रैली निकाली और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। सरकार हमारी रक्षा करे। भारत देश में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि, हमारे देश में ही हमें रक्षा की गुहार लगानी पड़ रही है।
समाज के मुखिया ने कहा कि, भारत देश एक समय में सोने की चिड़िया कहलाती थी और कई वर्षों तक गोंडवाना राजा का देश रहा है। जनजाति समाज के लोगों ने किसी भी समाज को कभी प्रताड़ित नहीं किया। सभी धर्मों-समाज का सम्मान करते आए हैं। ब्रिटिश काल में भी हमारी जाति के साथ ऐसी शर्मसार घटना घटित नहीं हुई, जैसी आजाद भारत में घटित हो रही है।
Also read: world tribal day: अधिकारों की बात करने के साथ अधिकारों को समझना जरूरी-कलेक्टर
वहीं दूसरी ओर समाज के मुखिया ने कहा कि, भारत सरकार (Indian Government) जो यू सी सी कानून (UCC law) लागू कर रही है, उसमें जनजाति समाज को पृथक रखें क्योंकि इस कानून से हमारी विवाह, संस्कृति, भाषा-बोली खत्म हो जाएगी। भारत सरकार इस ओर ध्यान दे हम यू सी सी कानून का विरोध नहीं करते सिर्फ जनजाति समाज को इस कानून से अलग रखने की बात कर रहे हैं। विश्व आदिवासी दिवस पर जनजाति समाज हर्षोल्लास के साथ जश्न मनाता रहा है। लेकिन मणिपुर की घटना से पूरा देश शर्मिंदा है। आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन है...