विड़ंबना : दो साल से विद्यार्थियों का इंतजार कर रहे हरियाणा के 26 शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान

सरकारी शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानाें में दाखिला न होने के कारण सबसे ज्यादा मार गरीब तबके व मेधावी बच्चाें पर पड़ रही है, जो मजबूरी में अब निजी संस्थानों में मोटी फीस दे रहे हैं।;

Update: 2020-10-18 06:54 GMT

देवेंद्र यादव : महेंद्रगढ़

बेशक हरियाणा सरकार (Haryana Government) सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने पर बल दे रही है। इसके लिए सीएम (CM) भी कई बार लोगों से अपील कर चुके हैं। दूसरी ओर यह भी विड़ंबना है कि सरकार ने प्रदेश भर में भावी शिक्षकों (Teachers) को तैयार करने वाले 26 जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों(District Education Training Institutes) में दो साल से दाखिले बंद कर रखे हैं।

वहीं प्रदेश भर में चल रहे 337 निजी संस्थानाें में दाखिले जारी हैं। जहां पर मोटी फीस वसूल कर प्रदेश ही नहीं देश के अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान व अन्य राज्याें के बेरोजगार युवाओं की फौज तैयार की जा रही है। सरकारी शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानाें में दाखिला न होने के कारण सबसे ज्यादा मार गरीब तबके व मेधावी बच्चाें पर पड़ रही है, जो मजबूरी में अब निजी संस्थानों में मोटी फीस दे रहे हैं।

प्रदेश सरकार ने 2018 में प्रदेश भर के सरकारी व निजी शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों में दाखिलों को यह कहकर बंद कर दिया था कि जेबीटी पास करने वालों की संख्या बहुत अधिक हो गई है। इसलिए इनको बंद कर दिया जाए, ताकि बेरोजगार भावी अध्यापकों की फौज को थोड़ा रोका जा सके, मगर कुछ दिनाें बाद ही निजी संस्थानों के संचालक एक हो गए तथा उन्होंने अपने-अपने संस्थानाें में दाखिले के लिए मंजूरी सरकार से ले ली, जबकि सरकार ने प्रदेश भर में मौजूद 26 सरकारी जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानाें में दाखिले को मंजूरी नहीं दी। जिसके कारण सरकारी संस्थानाें से पूर्व में जेबीटी अब डीएलएड करने वाले हजारों बेरोजगार युवाओं के सपने चकनाचूर हो गए। मजबूरी में अब उन्हें प्राइवेट शिक्षण संस्थानों का सहारा लेना पड़ रहा है।

प्रदेश भर के 26 शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए पहले प्रतियोगी परीक्षा होती थी। जिनको पास करने वाले या अधिक अंक वाले भावी शिक्षकाें का ही इनमें दाखिला होता था। जिसके चलते प्रदेश भर के 26 संस्थानाें में अच्छे भावी शिक्षक तैयार होकर निकलते थे, मगर अब ऐसा नहीं हो रहा है। अब निजी संस्थान इनमें दाखिले के नाम पर लूट मचाए हुए हैं।

प्रदेश में 337 हैं निजी संस्थान

इस समय प्रदेश में 337 निजी व 26 सरकारी संस्थान है, जबकि जिला महेंद्रगढ़ में 51 निजी संस्थाएं व एक सरकारी डाइट हैं। प्रत्येक संस्थान में 50 से लेकर 100 तक सीटें आवंटित होती हैं। जिला महेंद्रगढ़ 8 निजी संस्थाओं को 100-100 व बाकी को 50-50 सीटें आवंटित है।

फीस में  है बड़ा  अंतर

सरकारी संस्थान की फीस 2680 रुपए दोनों वर्षों के लिए और परीक्षा फीस अलग होती है, जबकि निजी संस्थानों की फीस 51 हजार 600 रुपए है। वहीं वे अलग से भी बिना वजह के चार्ज वसूलते रहते हैं। प्रेक्टिकल के नाम पर भी निजी संस्थानों मंे विद्यार्थियों से हजारों रुपए अलग से वसूल लेते हैं।

क्या है दाखिलों के लिए प्रक्रिया

दाखिलों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया है। जिसमें 10+2 की मेरिट के आधार पर दाखिले होते हैं। पहले भी सरकारी संस्थानाें में दाखिले इसी आधार पर होते थे।

डाइट का स्टाफ अब कर रहा अन्य कार्य

शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों में दाखिले नहीं होने के कारण अब डाइट का स्टाफ अन्य कार्य करता है। डाइट स्टाफ अध्यापकों को गुणवत्ता सुधार व व्यवसायिक उन्नयन के लिए इन सर्विस ट्रेनिंग के अलावा स्कूल मॉनिटरिंग, मेंटरिंग, सक्षम हरियाणा, सीसीटी, साइंस मोबाइल वैन, मैथ प्रमोशन, साइंस प्रमोशन, ड्रग अवेयरनेस, साइबर सेफ्टी, पाठ्यक्रम निर्माण, एक्शन रिसर्च, रोल प्ले, फॉर डांस, यूथ पार्लियामेंट, युवा पंचायत, आंगनबाड़ी वर्कर्स की ट्रेनिंग, एसएमसी सदस्यों की ट्रेनिंग, एबीआरसी, बीआरपी की ट्रेनिंग, ई लर्निंग, नई तालीम, दीक्षा कंटेंट निर्माण आदि के साथ साथ जिला संसाधन इकाई के रूप में भी कार्य करता है।

Tags: