फैन हो तो ऐसा : धोनी से मिलने दूसरी बार हिसार से 1436 किलोमीटर पैदल चलकर रांची पहुंचे अजय, पांवों में पड़ गए छाले, माही ने गले से लगाया
धोनी ने अजय को गले लगाया और उससे बातचीत की और खाना भी खिलाया। धोनी ने बैट पर उसे आटोग्राफ भी दिए। अजय गिल को एमएस धोनी फैन क्लब अनुराग चावला के लोगों ने रांची के फाइव स्टार होटल में ठहराया और बाद में उसे हवाई जहाज से हिसार के लिए रवाना किया।;
हरिभूमि न्यूज : हिसार
हिसार के गांव खेड़ी जालब के अजय गिल भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन रहे महेंद्र सिंह धोनी ( Ms Dhoni ) के जबरदस्त फैन हैं। धोनी के प्रति उनकी दीवानगी का आलम यह है कि वह धोनी से मिलने पैदल ही हिसार से 1436 किलोमीटर की यात्रा तय कर रांची ( Ranchi ) में धोनी फार्म हाऊस पर पहुंचे। धोनी ने अजय को गले लगाया और उससे बातचीत की और खाना भी खिलाया। धोनी ने बैट पर उसे आटोग्राफ भी दिए। अजय गिल ने धोनी को गले लगाया तब उसकी आंखे नम हो गई। अजय ने कहा कि माही से मिलकर उनके जीवन का सपना साकार हो गया है। अजय ने कहा कि उसने एमएस धोनी की गिफ्ट के तौर पर एक फोटो दिया जिसमें धोनी का फोटो लगा है। अजय गिल को एमएस धोनी फैन क्लब अनुराग चावला के लोगों ने रांची के फाइव स्टार होटल में ठहराया और बाद में उसे हवाई जहाज से हिसार के लिए रवाना किया।
कई बार रात को सड़क पर सोना पड़ा, पांवों में पड़ गए थे छाले
अजय गिल ने कहा कि रास्ते में काफी कठिनाइयों का सामान करना पड़ा। कई बार रात को सड़क पर सोना पड़ा। अजय गिल अकेला चलता गया और अपनी मंजिल को लेकर पैदल बढ़ता गया। चलते समय पांव में छाले भी पड़ गए मगर उसकी यात्रा फिर भी जारी रही। अजय की आर्थिक हालत अच्छे नहीं थे फिर भी वह मुुश्किलों को पार करते रांची में धोनी के फार्म हाऊस पर पहुंचा। अजय गिल माही भारतीय क्रिकेट की टीम में रहे कैप्टन एएस धोनी के जबरदस्त फैन है। वह धोनी को अपना भगवान मानते हैं उसने मिल कर अब अपना सपना साकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व अजय गिल एमएस धोनी से मिलने के लिए दोबारा 1436 किलोमीटर की यात्रा के पैदल यात्रा करके रांची में एमएस धोनी के फार्म हाऊस पर पहुचे थे परंतु वे वहां नहीं मिले थे। अजय गिल ने बताया कि वह गरीब परिवार से है उसकी आर्थिक दशा काफी कमजोर है और उसके पिता हेयर ड्रेसर हैं। उसके पिता ने उसे जाने से मना कर दिया मगर बाद में बेटे की जिद्द के सामने झुकना पड़ा।
एक बैग व तिरंगा लेकर यात्रा शुरू की
अजय ने अपनी यात्रा हिसार से शुरू की थी। वे अपने हाथ में बैग और तिरंगा झंडा लेकर खेड़ी जालब से जींद, गोहाना, सोनीपत, दिल्ली, गाजियाबाद, दादरी, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, ऐटा, कन्नोज, कानपुर, प्रयागराज, इलाहाबाद, वाराणसी, बनारस से चलते हुए आगे झारखंड के रांची रिंग रोड पर बने एमएस धोनी के फार्म हाऊस पर पहुंचे थे। अजय गिल ने बताया कि झारखंड जाएंगे और एमएस धोनी से आशीर्वाद ले लिया और जल्द वह हिसार में पहुंचेगा। अजय गिल ने अपने हेयर स्टाइल व टीशर्ट पर धोनी का नाम छपवाया है। गांव खेड़ी जालब के रहने वाले अजय गिल ने खरक पूनिया से दसवीं की परीक्षा पास की थी। उसके पिता सैलून का काम करते हैं।
ऐसे बना धोनी का फैन
अजय की पारिवारिक हालत कमजोर है। अजय माही चार साल था जब से भी उसके किक्रेट का शौक था। अजय ने बताया कि 23 दिसंबर 2004 को पाकिस्तान व भारत का मैच हुआ था। जिसमें एमएन धोनी ने पहला शतक जड़ते हुए 149 रन बनाए थे। इस दौरान धोनी ने 19 चौके तथा 4 छक्के लगाए थे। इस मैच को देखकर वह एमएन धोनी का फैन बना था। अजय ने बताया धोनी की कप्तानी में भारत ने अलग अलग फार्मेट में 2007, 2011 तथा 2015 में वर्ल्ड कप जीता था। अजय ने कहा कि वे एमएन धोनी के अकेले ऐसे फैन हैं जो अकेले में ही उनके मैच देखना पंसद करते हैं। अजय ने बताया कि वह फिलहाल हिसार में सेंट सोफिया स्पोर्टस एकेडमी में को प्रशांत से क्रिकेट का प्रशिक्षण ले रहा है।
धोनी ने हौंसला बढ़ाया
अजय गिल के मुताबिक जब वह धोनी से मिले थे तब धोनी ने कहा कि लोगों की मत सुनो, अपने दिल की सुनो, उसके अनुसार अपना काम करो। धोनी ने उससे कहा कि मैं हमेशा तेरे साथ हूं। धोनी ने अजय गिल को क्रिकेट खेल में हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। धोनी ने उससे कहा कि मैं दिल से आभारी हूं कि तुम मेरे लिए दूसरी बार इतनी दूर पैदल चलकर आए। अजय गिल का सपना है कि वह नेशनल क्रिकेट टीम में छोटा धोनी बन कर जाए।