Ambala : डेहा बिरादरी की महापंचायत में ऐलान, नशा बेचने वाले परिवारों का होगा सामाजिक बहिष्कार
- बदनाम होती बिरादरी को शर्मिंदगी से बचाने की मुहिम शुरू
- नशा तस्करी की वजह से युवा पीढ़ी को झेलनी पड़ रही है परेशानी
- स्कूलों में भी बच्चे हीन भावना का हो रहे शिकार
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Ambala : स्मैक तस्करी की वजह से बदनाम हो रही डेहा कॉलोनी में बुधवार को बिरादरी की महापंचायत (Mahapanchayat) हुई। बिरादरी व आने वाली पीढ़ी को शर्मिंदगी से बचाने के लिए इसमें कई ठोस निर्णय लिए गए। बिरादरी ने सर्वसम्मति से ऐलान किया कि स्मैक या फिर कोई दूसरा नशा बेचने वाले परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही ऐसे लोगों को वे खुद पकड़कर पुलिस के हवाले करेंगे। महापंचायत में जिले के साथ पड़ोसी राज्यों के भी बिरादरी से जुड़े ओहदेदारों ने हिस्सेदारी की। अंबाला शहर डेहा कॉलोनी की प्रधान गोगी की अध्यक्षता में महापंचायत का आयोजन हुआ।
पुलिस लगातार कर रही टारगेट
महापंचायत की मुखिया प्रधान गोगी ने कहा कि नशा तस्करी की वजह से डेहा बिरादरी पूरे प्रदेश में बदनाम हो चुकी है। इसी वजह से पुलिस लगातार बिरादरी के लोगों को टारगेट कर रही है। बेकसूर लोगों को भी जेलों में डाला जा रहा है। नशा तस्करी की वजह से अब कोई भी बाहरी व्यक्ति डेहा कॉलोनी में नहीं आता। अगर कोई आता है तो पुलिस उससे गहनता से पूछताछ करती है, मारपीट करती है। कुछ परिवारों की वजह से पूरी बिरादरी व उसके बच्चों के साथ बेहद बुरा सलूक हो रहा है। स्कूलों में भी बिरादरी के बच्चे हीन भावना का शिकार हो रहे हैं। यहां तक कि कोई बस व ऑटो चालक उनके बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए तैयार नहीं होता। इसी वजह से बिरादरी के बच्चे पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं। न पुलिस उनकी बात सुनती है, न ही प्रशासनिक अधिकारी। इसी वजह से पूरी बिरादरी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
चिंहित किए जा रहे हैं परिवार
प्रधान गोगी ने बताया कि वे बिरादरी के उन परिवारों को चिंहित कर हैं जो स्मैक व दूसरे नशे बेचने का कारोबार करते हैं। ऐसे परिवारों को पहले तो यह धंधा छोड़ने के लिए कहा जाएगा। नहीं माने तो फिर सामाजिक बहिष्कार होगा। उन परिवारों की सूची पुलिस को दी जाएगी ताकि कोई बेकसूर परिवार पुलिस कार्रवाई का शिकार न हो सके। कोशिश रहेगी कि ऐसे परिवारों के घर भी सील करवाएं जाएं। साथ ही ऐसे लोगों से नशा खरीदने वालों को भी पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाएगा। इसके लिए एक 15 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी घर-घर जाएगी। उन परिवारों की जांच करेगी जो गैरकानूनी काम करते हैं। बदनामी की वजह से कोई दूसरा व्यक्ति उन्हें घर में घुसना तो दूर आसपास भी भटकने नहीं देता। दुकानदार भी हीन भावना से देखते हैं। इसी वजह से बिरादरी की बेटियों को भी बदनामी झेलनी पड़ रही है।
टैक्स देने के बावजूद नहीं मिलती सुविधा
महापंचायत में अंबाला शहर, अंबाला कैंट, धुरी, नाभा, कालका, घनौर, पिंजौर , बराड़ा, नीलोखेड़ी, कुरुक्षेत्र, शाहबाद, राजपुरा समेत कई जगह से बिरादरी के ओहदेदार शामिल हुए थे। महापंचायत में शामिल प्रधान गोगी रामू ने कहा कि सरकार को टैक्स देने के बाद भी उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती। उनकी कॉलोनी के लोग नरकीय जीवन जी रहे हैं। यहां न कोई सफाई कर्मचारी आता है, न ही पीने के पानी की बेहतर सुविधा है। पुलिस के जवान दिनभर कॉलोनी में मंडराते हैं। ऐसे में उनकी बहु बेटियों का जीना मुहाल हो गया है।
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