Bahadurgarh : विवाहिता ने लगाया फंदा, मायके पक्ष ने जताई हत्या की आशंका

संदिग्ध परिस्थितियों में एक विवाहिता की फंदा लगाने से मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया। मायके पक्ष ने पति सहित अन्य ससुरालियों पर विवाहिता को मारने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।;

Update: 2023-09-11 15:41 GMT

Bahadurgarh : गांव आसौदा में संदिग्ध परिस्थितियों में एक विवाहिता की फंदा लगाने से मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया। मायके पक्ष ने पति सहित अन्य ससुरालियों पर विवाहिता को मारने का आरोप लगाया है। इस संबंध में पुलिस ने फिलहाल पति सहित अन्य ससुरालियों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है। पुलिस कार्रवाई से परिजन संतुष्ट नहीं है।

मृतका की पहचान शीतल के रूप में हुई है। शीतल दिल्ली के किराड़ी क्षेत्र की रहने वाली थी। करीब 13 साल पहले उसकी शादी आसौदा के निवासी सचिन के साथ हुई थी। रविवार को उसको सरकारी अस्पताल में लाया गया था, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। ससुराल पक्ष ने तर्क दिया कि फंदे पर लटकने से शीतल की मौत हुई। वहीं सूचना पाकर आसौदा चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। मायके पक्ष के लोगों को पता चला तो वे भी यहां आए। उन्होंने शीतल की मौत को आत्महत्या मानने से इंकार किया और कहा कि उनकी बेटी को मारा गया है। पति सहित अन्य ससुरालियों पर आरोप लगाए गए।

पुलिस को दी शिकायत में पिता नरेश ने कहा कि उनकी बेटी शीतल को उसका पति सचिन, सास-ससुर, देवर व दामाद का मामा ताने देते थे और मारपीट करते थे। 9 सितंबर को भी शीतल के साथ मारपीट की गई। हम परिवार सहित आए और देखा तो शीतल के मुंह पर चोट लगी थी। तब हम सुलह कराकर लौट गए। इसी दौरान रविवार की रात को सूचना मिली कि ससुरालियों ने शीतल को मृत अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया। यहां आकर देखा तो उसके गले में निशान थे। मेरी लड़की की उसके पति, सास-ससुर, देवर व मामा आदि द्वारा ताने-मारने और मारपीट करने से मौत हुई है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बयान के आधार पर फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज किया है। पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया। शीतल दो बच्चों की मां थी। वहीं, मायका पक्ष पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि पुलिस ने वे धाराएं नहीं लगवाई, जो लगनी चाहिए थी। वे इस मामले में उच्चाधिकारियों का दरवाजा खटखटाएंगे।

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