Bahadurgarh : सरकारी अस्पताल में 5 चिकित्सा अधिकारियों के पद खाली
सरकारी अस्पताल में संसाधनों और स्टाफ का अभाव हमेशा खलता रहा है। अस्पताल में फिलहाल पांच चिकित्सा अधिकारियों के पद खाली हैं। आरटीआई के जवाब से यह खुलासा हुआ है। हालांकि विभिन्न बिंदुओं पर मिले जवाब पर प्रार्थी संतुष्ट नहीं है।;
Bahadurgarh : बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावों के बीच बहादुरगढ़ के सरकारी अस्पताल में संसाधनों और स्टाफ का अभाव हमेशा खलता रहा है। इस अस्पताल में फिलहाल पांच चिकित्सा अधिकारियों के पद खाली हैं। आरटीआई के जवाब से यह खुलासा हुआ है। हालांकि विभिन्न बिंदुओं पर मिले जवाब पर प्रार्थी संतुष्ट नहीं है।
दरअसल, सितंबर 2023 में शहर के निवासी सतपाल हाडा ने सिविल सर्जन कार्यालय झज्जर से आरटीआई के जरिए सात मामलों पर जानकारी मांगी थी। हाल ही में कुछ बिंदुओं पर हाडा को जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। हाडा की मानें तो उन्हें जवाब में बताया गया कि बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में 58 स्थाई चिकित्सक हैं। इनमें एक प्रधान चिकित्सा अधिकारी, दो उप चिकित्सा अधीक्षक, पांच वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, 50 चिकित्सा अधिकारी, एक अस्थाई कंसलटेंट नियुक्त हैं। अस्पताल में पांच चिकित्सा अधिकारियों के पद तथा सेक्टर छह स्थित डिस्पेंसरी में एक स्थाई चिकित्सा अधिकारी का पद रिक्त है। हालांकि अस्पताल की चारों एंबुलेंस चालू अवस्था में बताई गई है। शवगृह के बारे में यह जानकारी दी गई कि अस्पताल में दो शवगृह हैं। इनमें से एक में चार फ्रिजर और दूसरे में दो है।
आवश्यकता अनुसार ये ठीक कराए जाते हैं। लेकिन जानकारी में ये नहीं बताया कि वर्तमान में इनके एसी काम कर रहे हैं या नहीं। जबकि अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की मानें तो यहां केवल एक ही मोर्च्युरी है। जिसमें फ्रिजर तो आठ हैं लेकिन छह बंद पड़े हैं। केवल दो चालू अवस्था में है। अक्सर यहां मोर्च्युरी में फ्रिजर खराब होने की समस्या गहराई रहती है। जिस कारण शव तक सड़ जाते हैं। ऑक्सीजन प्लांट पर खर्च और अब तक उत्पन्न हुई गैस के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
महीनों से शीशियां खत्म
हैरानी वाली बात ये है कि होम्योपैथिक विभाग द्वारा मरीजों को औषधि के लिए दी जाने वाली शीशियां ही यहां उपलब्ध नहीं है। सामने आया कि अगस्त 2023 में शीशियां खत्म हो गई थी। इसके लिए डिमांड भी की गई लेकिन उपलब्ध नहीं हो सकी। लोगों को बाहर से शीशियां खरीदनी पड़ती हैं।सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाए जाने की जरूरत है।