दीपेंद्र सिंह हुड्डा बोले, बरोदा में हुड्डा और खट्टर के बीच नहीं, जनता और सरकार के बीच है मुकाबला
दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender singh Hooda) ने कहा कि 6 साल तक खट्टर सरकार ने बरोदा को हरियाणा (Haryana) का हिस्सा नहीं माना लेकिन हरियाणा बरोदा को अपना हिस्सा मानता है। इसलिए आज पूरा हरियाणा बरोदा की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रहा है।;
गोहाना (सोनीपत)। बरोदा में लगातार प्रचार में जुटे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender singh Hooda) ने कहा है कि ये उपचुनाव कांग्रेस और भाजपा या हुड्डा और खट्टर के बीच नहीं बल्कि जनता और सरकार के बीच है। सत्ता के नशे में चूर सरकार से मुक़ाबले में जनता की जीत तय है। सांसद दीपेंद्र का कहना है कि सत्तापक्ष के मंत्रियों के हर वाक्य में घमंड झलकता है। बरोदा में जनता के बीच पहुंच रहे मंत्री स्पष्ट कहते हैं कि इस एक सीट से सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। वो लोग वोट भी ऐसे मांग रहे हैं मानो जनता पर एहसान कर रहे हैं। बरोदा की जनता और उनके वोट के इस तिरस्कार का बदला लोग चुनाव में वोट की चोट से लेंगे। आज हर वर्ग इस सरकार से दुखी है और इसे सबक सिखाने के लिए उपचुनाव का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। इसलिए ख़ुद के घमंड की वजह से सत्ताधारी गठबंधन चुनाव से पहले ही नैतिक तौर पर हार चुका है। क्योंकि घमंड आदमी का वो दुश्मन है, जो भीतर बैठकर वार करता है।
बरोदा दौरे पर आए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने हलके के 8 गांवों रिंढ़ाना, धनाना, बनवासा, घढ़वाल, भावड़, कहल्पा और कथूरा में जलभराव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार जलभराव से हुए नुकसान की स्पेशल गिरदावरी करवाए और किसानों को करीब साढ़े 4 हजार एकड़ में हुए नुकसान का मुआवजा दे। गांवों में जमा पानी को निकालने के लिए पंप सेट लगवाए जाएं और समस्या के स्थाई समाधान के लिए ड्रेन बनवाई जाए। साथ ही हर गांव में 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की जाए ताकि गांववालों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 6 साल तक खट्टर सरकार ने बरोदा को हरियाणा का हिस्सा नहीं माना लेकिन हरियाणा बरोदा को अपना हिस्सा मानता है। इसलिए आज पूरा हरियाणा बरोदा की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रहा है। आज पूरे हरियाणा के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिलने, धान और फसल बीमा जैसे घोटालों से परेशान हैं। वो पूंजीपतियों को बढ़ावा देने वाले 3 नए कृषि अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं। वो किसान चाहते हैं कि बरोदावासी उपचुनाव में इस सरकार को बताए कि उसकी नीतियों से हम ख़ुश नहीं हैं। हरियाणा का जो युवा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे हैं, वो चाहते हैं कि उनका रोजगार छीनने का बदला बरोदा के लोग खट्टर-दुष्यंत सरकार से लें। जिन एक लाख जेबीटी और एचटेट पास नौजवानों को खट्टर सरकार ने 6 साल में एक भी नौकरी नहीं दी, उनके परिवार भी इंसाफ के लिए बरोदा की तरफ देख रहे हैं। जिन कच्चे कर्मचारियों को रोज नौकरियों से हटाया जा रहा है, उनके परिवार कह रहे हैं कि बरोदा उनकी रोजी-रोटी छीनने वालों से सत्ता छीनने का काम करे। 10 साल बाद नौकरी से हटाए गए 1983 पीटीआई टीचर हों या ग्रुप-डी के 1536 कर्मचारी, उनके परिवार भी आज बरोदा से ऐसी ही उम्मीद लगाए बैठे हैं। दींपेंद्र हुड्डा ने पीटीआई से मिलकर उन्हें एकबार फिर पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन भी दिया।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि हुड्डा सरकार जाने के बाद से लगातार प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों की बेअदबी हो रही है। वो सैकड़ों खिलाड़ी जो पूरी दुनिया में देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं लेकिन उन्हें कोई पद या नौकरी नहीं मिली और वो हजारों खिलाड़ी जिन्हें वित्तीय सहायता व सम्मान से वंचित रखा गया है, वो तमाम खिलाड़ी चाहते हैं कि उनके तिरस्कार का बदला बरोदा ले। जो हरियाणा हुड्डा सरकार में विकास के हर पैमानों जैसे प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, खेलकूद और कानून व्यवस्था में टॉप पर था, वो आज अपराध, दंगे, रेप, नशे और बेरोजगारी में टॉप पर है।
बीजेपी-जेजेपी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी
दोहराया कि बरोदा के नतीजों के बाद बीजेपी-जेजेपी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी। आने वाला समय बरोदा का है और प्रदेश की अगली सरकार, बरोदा की अपनी सरकार होगी। लोगों को पता है कि बेमेल गठबंधन की ये सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी। क्योंकि जो जेजेपी नेता पिछले चुनावों में खट्टर को कोस रहे थे, आज वहीं लोग खट्टर के लिए घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। ऐसे लोगों से जनता का विश्वास उठ चुका है। जो सरकार जनता की नज़रों में गिर जाती है, उसको असलियत में गिरने से भी कोई नहीं रोक सकता।