Deependra Hooda बोले : पंजाब सरकार हरियाणा के हितों के साथ खिलवाड़ की कोशिश न करे

  • पंजाब सरकार ये न समझे कि हरियाणा में है कमजोर सरकार, एसवाईएल मुद्दे पर पूरा हरियाणा एक
  • हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना का दाखिल करना चाहिए केस
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Update: 2023-10-04 15:40 GMT

Haryana : राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) मामले में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा के हितों के साथ खिलवाड़ की कोशिश नहीं करे। सुप्रीम कोर्ट एसवाईएल मुद्दे पर पहले ही हरियाणा के हक में फाइनल फैसला दे चुका है, इसलिए हरियाणा सरकार को देश की सर्वोच्च अदालत के आदेशों की अवहेलना का केस दाखिल करना चाहिए। खट्टर सरकार अपने आपको कमजोर न समझे, इस मामले में हम उनके साथ खड़े हैं। हरियाणा अपने हक का एक बूंद भी पानी नहीं छोड़ेगा।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के अंतिम फैसले के बाद अब केंद्र सरकार तथा पंजाब सरकार को इसका अनुपालन करना है और हरियाणा सरकार को इसके लिए प्रयत्न करना है। हरियाणा के हक़ में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले और सर्वदलीय मीटिंग में हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री से समय लेने की बात तय होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने कभी हरियाणा को पानी दिलवाने की दिशा में ठोस क़दम आगे नहीं बढ़ाया। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा विधान सभा में भी साफ तौर से कहा था कि हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना का केस दाखिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नदियों का जल राष्ट्रीय संपत्ति है, किसी की बपौती नहीं है। आठ अप्रैल 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री  इंदिरा गांधी ने अपने हाथों से कपूरी गांव में सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण की नींव रखकर शुरुआत की थी। 214 किलोमीटर लंबी यह नहर पंजाब में बहने वाली सतलुज और हरियाणा से गुजरने वाली यमुना नदी को जोड़ने के लिए बननी थी। किसी सरकार में यह ज्यादा खुदी, किसी सरकार में कम खुदी और किसी सरकार में नहीं खुदी।

प्रदेश में पहली बार जब बीजेपी सरकार आई तो इसको बेहद कमजोर मानकर पंजाब सरकार ने खुदी-खुदाई नहर को पाटने का काम कर दिया। हरियाणा में सिंचाई के लिए पानी के तीन प्रमुख स्रोत हैं। पहला यमुना, जिसका पानी दिनों-दिन कम होता जा रहा है और वो बरसाती नदी में तब्दील हो रही है। दूसरा, भाखड़ा से जिसका पूरा पानी रछ से आना था और तीसरा ट्यूबवेल से, चूंकि जमीन के नीचे का जलस्तर काफी तेजी से घट रहा है और यही हाल रहा तो भू-जल धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। भू-जल स्तर को रिचार्ज करने के लिए ही चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सरकार ने दादूपुर-नलवी नहर का निर्माण कराया था। जिसे बीजेपी सरकार ने पाटने का फैसला कर दिया। यदि रछ नहीं बनी, यमुना का पानी और जमीन के नीचे का पानी कम होता जाएगा तो सारे देश का पेट भरने वाला हरियाणा बंजर हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हांसी-बुटाना नहर बनाई गई थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने उसमें पानी लाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया। पंजाब सरकार सबसे पहले एसवाईएल पर हरियाणा के हक में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अक्षरशः लागू करे। उन्होंने हरियाणा सरकार के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बाद भी मौजूदा सरकार ने साढ़े 9 साल से सत्ता में होने के बावजूद कभी रछ का पानी हरियाणा को दिलवाने की गंभीर कोशिश नहीं की। अगर बीजेपी सच में हरियाणा को पानी दिलवाने को लेकर गंभीर होती तो अब तक प्रदेश को रछ का पानी मिल चुका होता। उन्होंने हरियाणा सरकार से एसवाईएल मुद्दे पर लचर रवैया छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि हरियाणा में इस मुद्दे पर कोई राजनैतिक मतभेद नहीं है, रछ मुद्दे पर पूरा हरियाणा एक है।

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