शाम ढलते ही अंधेरे में डूब जाता है दिल्ली-जयपुर हाईवे, टोल वसूली कर सुविधा देने में दिखा रहे संकोच

दिल्ली से जयपुर का सफर करते हुए कापड़ीवास में प्रवेश के साथ उद्यौगिक क्षेत्र धारूहेड़ा की सीमा शुरू हो जाती है। जहां प्रवेश के साथ ही अंधकार शुरू हो जाता है। जहां न तो हाईमॉस्क लाइटें लगी हुई है और न ही कटों पर ट्रैफिक व स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था है।;

Update: 2020-12-07 06:06 GMT

हरिभूमि न्यूज.  रेवाड़ी\धारूहेड़ा

एनएचएआई अधिकारियों की अनदेखी से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर शाम ढ़लते ही अंधकार में समा जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ बने सर्विस रोड बड़े-बड़े गड्ढो के कारण बदहाल हो चुके हैं तथा 2015 में बने ओवरब्रिज पांच साल से अधिक समय बीतने के बाद आज भी अंधेरे में डूबा रहता है। प्रतिमाह लाखों की टोल वसूली के बाद भी अधिकारी सुविधा देने में संकोच दिखा रहे हैं। जिससे वाहन चालकों के साथ आमजन को भारी परेशानी करनी पड़ रही है।

दिल्ली से जयपुर का सफर करते हुए कापड़ीवास में प्रवेश के साथ उद्यौगिक क्षेत्र धारूहेड़ा की सीमा शुरू हो जाती है। जहां प्रवेश के साथ ही अंधकार शुरू हो जाता है। जहां न तो हाईमॉस्क लाइटें लगी हुई है और न ही कटों पर ट्रैफिक व स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था है। इतना ही नहीं सेक्टर-6 ओवरब्रिज पर भी लाइटों की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे भिवाड़ी व धारूहेड़ा की तरफ जाने वाले वाहन चालक भी रास्ता का ठीक से पता नहीं चलने से पुल पार कर गलत दिशा में प्रवेश कर जाते हैं। 2015 में बने आरओबी पर लाइटों के पो लगने में तीन साल का वक्त लगा तथा 2018 में लगे पोलों का लाइट लगने का इंतजार आज भी खत्म नहीं हो पाया है।

सफेद व पीली पट्टी भी हो गायब

एनएच पर लगाई गई सफेद व पीली पट्टी भी समय के साथ अपना अस्तित्व खोती जा रही है। अधिकतर स्थानों से तो पट्टी गायब हो चुकी है तथा जहां बची हुई है, वहां उसकी चमक मंद पड़ चुकी हैं। धुंध व रात के अंधेरे में सफेद व पीली पट्टी वाहन चालकों को उनके गणतत्व तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होती हैं। एनएचएआई अधिकारियों की उदासीनता को ही हाईवे पर हादसों का बड़ा कारण माना जा रहा है। हाइवे पर यातायात नियमों को लेकर होने वाली कार्रवाई भी वसूली का साधन बनकर रह गई है।

प्रतिदिन लाखों लोगों का होता है आवागमन

दिल्ली- जयपुर हाईवे नंबर आठ के आस पास क्षेत्र में सबसे ज्यादा कंपनी बनी हुई हैं। जिस कारण सर्विस रोड व एचएच से प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है। जिसमें रात के समय भी शामिल होता है तथा मार्ग पर क्रॉसिंग प्वाइंट पर लाइटों की व्यवस्था नहीं होने से आवागमन में परेशानी के साथ जान को भी जोखिम बना रहता है।

यातायात व्यवस्था दुरूस्त करने पर फोकस : एनएच सहित क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को दुरूस्त बनाने पर पुलिस का फोकस है। जिसके लिए जरूरत के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।- एएसआई रामनिवास, यातायात चौकी प्रभारी।

अधिकारियों को दिए गए हैं निर्देश %  सर्विस रोड की मरम्मत व स्ट्रीट लाइटें सही करने सहित हाइवे की समस्याओं का जल्द समाधान कर दिया जाएगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।- अजय आर्या, जीएम राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यालय जयपुर।

गड्ढों में गिरने से घायल हो रहे वाहन चालक

हाईवे पर अभी तक लाइटों की व्यवस्था नहीं हो पाई है। सर्विस रोड पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढें बने हुए हैं। जिससे वाहन चालक गिरकर अक्सर घायल होते रहते हैं। कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है, परंतु कोई समाधान नहीं हो रहा है। - प्रेमदास लोधी, निवासी सेक्टर 6 धारूहेड़ा।

हादसों का कारण बन रहा अंधेरा

औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक अक्सर ड्यूटी कर रात को घर लौटते हैं। सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं होने के कारण आवागमन करते समय अक्सर हादसों का शिकार होना पड़ता है। सबकुछ जानते हुए भी अधिकारी अनजान बने हुए हैं। जिससे दंड आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। - अनिल कुमार, निवासी सेक्टर-6 धारुहेड़ा।

कंपनियों को रहा आर्थिक नुकसान

एनएच के क्षतिग्रस्त सर्विस रोड व ट्रैफिक व्यवस्थाओं से कंपनियों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। प्रशासनिक उदासीनता से परेशान उद्यमियों का धैर्य भी अब जवाब देने लगा है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में कंपनियों के पलायन से प्रदेश सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है। सीएम से लेकर पीएम तक शिकायत करने के बाद भी अधिकारी अपनी हठधर्मिता छोड़ने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि एक-एक-एक कर कंपनियों ने पलायन करना शुरू कर दिया है- विपिन यादव, एचआर एमटेक आटो प्राइवेट लिमिटेड। 

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