कलेक्टर रेट बढ़ने से महंगा हुआ आशियाने का सपना : शहरी क्षेत्र में 28 और ग्रामीण इलाके में 16 फीसद तक बढ़े रेट
वर्तमान दौर में महंगाई ने कुछ ऐसा असर दिखाया है कि लोगों के लिए आशियाना अब सपना बनकर रह गया है। निर्माण सामग्री के रेट बढ़ चुके हैं, जबकि अन्य खर्च भी आशियाने को महंगा कर रहे हैं।;
हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़। आशियाने का सपना अब और दूर होता दिखाई दे रहा है। निर्माण सामग्री के रेटों में लगातार इजाफा हो रहा है, वहीं अन्य खर्चे भी आशियाने के सपने को कठिन बना रहे हैं। एक दिसंबर से जमीनों के कलेक्टर रेटों में औसत 20 फीसद का भारी इजाफा हुआ है। मध्यम वर्गीय परिवार के लिए आशियाने का सपना अब मुश्किल होता जा रहा है।
वर्तमान दौर में महंगाई ने कुछ ऐसा असर दिखाया है कि लोगों के लिए आशियाना अब सपना बनकर रह गया है। निर्माण सामग्री के रेट बढ़ चुके हैं, जबकि अन्य खर्च भी आशियाने को महंगा कर रहे हैं। निर्माण सामग्री के रेटों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। ईंटें 720 रुपए सैकड़ा, रेती 26 रुपए फुट, रोड़ी 42 और क्रेशर 46 रुपए फुट, सीमेंट 375 प्रति बैग, सरिया 6400 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहा है। रही सही कसर कलेक्टर रेटों के इजाफे ने बढ़़ा दी है। ऐसे में लोगों को किराए के मकान में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि घर बनाने की राह मुश्किल होती जा रही हैं। राजस्व विभाग द्वारा एक दिसंबर 2023 से शहरी क्षेत्र की विभिन्न कॉलोनियों 5 से 28 प्रतिशत तक कलेक्टर रेट बढ़ाए गए हैं। सेक्टर-2, 6, 7, 9 व 9ए में रिहायशी प्लॉट के लिए कलेक्टर रेट में 2 से 4 हजार रुपए बढ़ाए गए हैं। जबकि हशविप्रा के सेक्टरों में वाणिज्यिक प्लॉटों में साढ़े 8 हजार रुपए तक की वृद्धि की गई है। लाइनपार इलाके की कॉलोनियों में डेढ़ से 3 हजार रुपए कलेक्टर रेट बढ़ाया गया है। जटवाड़ा मौहल्ला, धर्मपुरा, दयानंद नगर, सैनी पुरा, आर्य नगर, नई बस्ती, पटेल नगर, सैनिक नगर, धर्म विहार व विवेकानंद नगर में 2 हजार, काठमंडी-अनाजमंडी व अग्रवाल कॉलोनी में अढाई हजार, मॉडल टाउन में 3 हजार, नेहरू पार्क, संत कॉलोनी व टीचर कॉलोनी में साढ़े 3 हजार रुपए का इजाफा हुआ है। बसंत विहार, प्रीतम कॉलोनी, शक्ति नगर, छोटूराम पार्क, महाबीर पार्क, मोहन नगर, उत्तम कॉलोनी में डेढ़ हजार रुपए तक कलेक्टर रेट बढ़ाए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कलेक्टर रेट 3 से 16 प्रतिशत तक बढ़ाए गए हैं।
मनोज कुमार, सुरेंद्र राठी, सतबीर सिंह व मनोज गुप्ता के अनुसार जमीन के रेट, निर्माण सामग्री, मजदूरी सहित अन्य खर्चे इतने अधिक हो चुके हैं कि घर बनाना ही सपने जैसा लगता है। यदि और कुछ सालों बाद मकान बनाने की सोची जाए, तो यह लागत कम से कम तीस से चालीस प्रतिशत और बढ़ जाएगी। करुणा शर्मा, शिल्पा सिंधु व रंजिता ने बताया कि हर आदमी थोड़ी बहुत मंहगाई तो जैसे-तेसे सह सकता है। परंतु इतनी ज्यादा महंगाई ने तो हिला ही दिया। सरकार को इस तरह रेट बढ़ाने से पहले एक आम आदमी के बारे में भी सोचना चाहिए। बिल्डिंग व्यवसाय से जुड़े जगबीर यादव का कहना है कि अब तो लोग छोटे प्लॉट की ओर ज्यादा भाग रहे हैं। यदि सौ गज के प्लाट में मकान बनाना है, तो उसके लिए कम से कम 50 लाख रुपए चाहिए।