Rewari News : ई-रिक्शा व ऑटो बेलगाम, मनमानी रोकने में पुलिस व्यवस्था नाकाम
ऑटो चालकों की बेलगाम स्पीड, शहर की सड़कों पर मनमाने स्टॉपेज व भाड़े के कारण जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के सरकुलर पर दौड़ रहे इन ऑटो व ई-रिक्शा चालकों में करीब 60 प्रतिशत के पास पूरे कागजात तक नहीं है। सभी ऑटो व ई-रिक्शा जरूरत से ज्यादा सवारी बैठाकर नियमों का उल्लघंन कर रहे है।;
हेमंत शर्मा. रेवाड़ी। शहर में ऑटो ई-रिक्शा की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी और बेलगाम ऑटो चालकों की वजह से यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। जिले में करीब 2 हजार से अधिक ऑटो व ई-रिक्शा हो गए हैं, जिनमें शहर में इनकी संख्या एक हजार से अधिक है। ट्रैफिक पुलिस की ओर से इनके नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। ऑटो चालकों की बेलगाम स्पीड, शहर की सड़कों पर मनमाने स्टॉपेज व भाड़े के कारण जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के सरकुलर पर दौड़ रहे इन ऑटो व ई-रिक्शा चालकों में करीब 60 प्रतिशत के पास पूरे कागजात तक नहीं है। सभी ऑटो व ई-रिक्शा जरूरत से ज्यादा सवारी बैठाकर नियमों का उल्लघंन कर रहे है।
लगातार बढ़ रही ऑटो-ई-रिक्शा की संख्या
शहर में ऑटो व ई-रिक्शा की संख्या हर रोज बढ़ रही है। करीब दो साल पहले साल शहर में सिर्फ 400 से 500 तक ऑटो थे। अब ई-रिक्शा के साथ इनकी संख्या दोगुना से ज्यादा हो गई है। शहर में दौड़ते काफी ऑटो 10 से पुराने होने के कारण उनकी वैधता खत्म हो चुकी है, लेकिन फिर वह सरकुलर रोड पर बेझिझक दौड़ रहे है। प्रत्येक 100 ऑटो चालकों में से सिर्फ 10 के पास ही ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है। बिना कागजातों के चालक अपने ऑटो व ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं। शहर के प्रमुख मार्गों और चौराहों पर हर जगह ई-रिक्शा व ऑटो का कब्जा नजर आता है, जिसके कारण दिन भर जगह-जगह जाम लगा रहता है। किशोर भी सड़कों पर ऑटो चला रहे हैं।
जरूरत से ज्यादा बैठा रहे सवारी
ऑटो चालक नियम और कानून को ताक पर रखकर क्षमता से अधिक 8 से 10 तक सवारियां बैठाकर उनकी भी जान जोखिम में डाल रहे हैं। ई-रिक्शा में चालक सहित 5 सवारी व ऑटो में चालक सहित अधिकतम चार सवारियां बैठाना ही मान्य हैं, लेकिन इनमें क्षमता से दोगुनी सवारियां बैठाई जा रही हैं। इससे इन वाहनों के असंतुलित होकर पलटने खतरा बना रहता है, वहीं पूरा किराया देकर भी सवारियां आरामदायक सफर नहीं कर पातीं।
ई-रिक्शा का आज तक चालान नहीं
शहर में जब से ई-रिक्शा शुरू हुए है उनका एक बार भी चालान नहीं किया गया है। जबकि ट्रैफिक पुलिस ऑटो के महीने में करीब 150 चालान कर देती है। जबकि पॉल्यूशन के अलावा ई-रिक्शा का चालान काटा जा सकता है। राज्य के अन्य जिलों में ई-रिक्शा के चालान काटे जा रहे है। काफी ऑटो तो तेज आवाज में साउंड बजाकर दौड़ते है। जबकि ध्वनि प्रदूषण का 10 हजार रुपए का चालान है। इसके अलावा आरसी का 5 हजार, पॉल्यूशन 10 हजार, ड्राइविंग लाइसेंस 5 हजार व गांव के ऑटो के लिए परमिट न लेने पर 10 हजार का चालान है। वहीं जरूरत से ज्यादा सवारी बैठाने पर पहली बार में 500 रुपए व उसके बाद 1500 से 2 हजार तक चालान किया जाता है।
सरकुलर रोड पर यहां परेशानी
ऑटो व ई-रिक्शा चालक सरकुलर रोड पर मनमाने जगह अपने व्हीकल रोककर सवारी चढ़ाते व बैठाते है। इनकी संख्या ज्यादा होने के कारण चंद मिनटों में वहां वाहनों की कतार लग जाने से जाम लग जाता है। सरकुलर रोड पर अंबेडकर चौक, बस स्टैंड के पास बावल चौक, नाईवाली चौक, रेलवे चौक, झज्जर चौक व धारूहेड़ा चुंगी पर ऑटो बीच सड़क में खड़े होकर ज्यादा परेशानी पैदा करते है।