फिर भड़के किसान : दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर पिपली में हाईवे किया जाम
- किसान महापंचयत में किया ऐलान, सड़क के बीच लेटे किसान
- किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने रूट किया डायवर्ट
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Kurukshetra : सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद को लेकर किसानों व सरकार के बीच वार्ता विफल होने के बाद किसानों का गुस्सा एक बार फिर फूट पड़ा। किसानों ने सरकार को ललकारते हुए जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे-44 पर पिपली के पास जाम लगा दिया। किसान पुल और सर्विस रोड बंद कर धरने पर बैठ गए। कुछ किसानों को रोड के बीच लेटे हुए देखा गया। किसानों के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस ने वाहनों के रूट डायवर्ट करने पड़े। दिल्ली से चंडीगढ़ (Chandigarh) की तरफ से जाने वाले वाहनों को कुरुक्षेत्र के सेक्टर 2/3 कट से ब्रह्मसरोवर होते हुए नेशनल हाईवे 152-D पर भेजा जा रहा है। चंडीगढ़ से दिल्ली आने वाले वाहनों को साहा कट पुल के नीचे से दौसड़का, अधौया, बाबैन से लाडवा होते हुए आगे भेजा जा रहा है।
किसान नेताओं ने कहा कि 2 बार प्रशासन से बातचीत हुई है। उन्होंने सीएम से करनाल में बात करने का भरोसा दिया, लेकिन फिर कहा कि वे चले गए। इससे साफ है कि सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए लाठी-डंडे पड़ें या जेल भेजें, अब हाईवे जाम किया जाएगा। किसानों की सूरजमुखी को लेकर एमएसपी दिलाओ-किसान बचाओ रैली में हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और यूपी से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे थे। किसान सूरजमुखी पर एमएसपी और किसान नेता गुरनाम चढूनी व दूसरे नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं। महापंचायत में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने एमएसपी पर आवाज उठाई और उन्हें लाठियां मिली। सवाल सिर्फ एक फसल पर एमएसपी का नहीं है। सरकार रेट घोषित करती हैं लेकिन उस पर खरीद नहीं करती। एमएसपी गारंटी कानून होना चाहिए। आने वाले समय में इस कानून के लिए आंदोलन होंगे। देश में कलम-कैमरे पर बंदूक का पहरा है।
चढूनी की गलती सिर्फ इतनी थी कि एमएसपी मांगी। हरियाणा सरकार किसानों को जल्द रिहा करे। कोई भी किसानों के आंदोलन को लाठियों से नहीं दबा सकता। एक किसान पर लाठी पड़ेगी तो पूरे देश का किसान इकट्ठा होगा। जो भी यहां कमेटी फैसला लेगी, संयुक्त किसान मोर्चा उनका साथ देगा। किसान नेता सुरेश कोच ने कहा कि जब तक बात सूरजमुखी की है। जब तक बात गुरनाम सिंह चढूनी समेत 9 किसानों को छोड़ने की है। स्थानीय कमेटी का हम निर्णय स्वीकार करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सूरजमुखी पर एमएसपी मांग रहे गुरनाम चढूनी और उनके समर्थक किसानों पर लाठियां बरसाई गई। ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब ये लड़ाई सूरजमुखी और कमल के फूल की है।
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