किसान आंदोलन : टीकरी बॉर्डर खुलवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
बहादुरगढ़ से दिल्ली आने-जाने का यह प्रमुख रास्ता तब से ही अवरुद्ध होने के कारण उद्योग जगत भी बुरी तरह प्रभावित है। इससे आजिज बीसीसीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में केंद्र व हरियाणा सरकार के अलावा दिल्ली पुलिस के अधिवक्ता भी पेश हुए।;
हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
करीब दस महीने से दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर आवागमन बाधित है। इसे खुलवाने के लिए बहादुरगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने अब दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायधीश अमित बंसल की बैंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई की। इसके बाद याचिकाकर्ता से सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग याचिकाओं और केंद्र सरकार के वकील से रास्ते बंद करने को लेकर तथ्य कोर्ट के समक्ष रखने के निर्देश दिए। साथ ही फिलहाल 15 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की है।
बता दें कि 27 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के किसान कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर आ डटे थे। इसके बाद 26 जनवरी को दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड के बाद दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर सीमेंट कंक्रीट की दीवार बना दी थी। बहादुरगढ़ से दिल्ली आने-जाने का यह प्रमुख रास्ता तब से ही अवरुद्ध होने के कारण उद्योग जगत भी बुरी तरह प्रभावित है। इससे आजिज बीसीसीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में केंद्र व हरियाणा सरकार के अलावा दिल्ली पुलिस के अधिवक्ता भी पेश हुए। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह की तीन याचिकाएं पेंडिंग हैं।
इस पर बीसीसीआई के वकील मनोज चौहान ने आपत्ति दर्ज करते हुए उन याचिकाओं को इस केस से अलग बताया। उनके अनुसार इस केस में दिल्ली पुलिस को पार्टी बनाया गया है। क्योंकि टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने रास्ता अवरुद्ध किया है। लेकिन हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग याचिकाओं के तथ्य अदालत के सामने लाने के निर्देश दिए, ताकि एक समान मामलों में विरोधाभासी निर्णय ना हों। अधिवक्ता मनोज चौहान ने हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी कि एंबुलेंस जैसी आपातकालीन वाहन को भी बॉर्डर पास करने नहीं दिया जा रहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील को इस मामले में तथ्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। भारत सरकार के वकील ने संबंधित विभागों से तथ्य जुटाकर न्यायालय के समक्ष आने की बात कही। बीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र छिकारा के अनुसार उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है।