ये कैसा संस्कृति माडल स्कूल? भंडारण गृह की बजाय कबाड़ के बीच मिली खाद्य सामग्री

अव्यवस्था की पोल इस स्कूल में सोमवार को हरियाणा शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त एवं मुख्य सचिव के निर्देश पर गठित विशेष निगरानी कमेटी की जांच के दौरान खुली।;

Update: 2022-08-22 17:07 GMT

हरिभूमि न्यूज. कलायत/कैथल

मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हरियाणा प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड-डे-मील योजना के माध्यम से पूर्ण पोषक आहार परासेने के नाम पर कलायत के राजकीय संस्कृति माडल प्राथमिक स्कूल में विद्यार्थियों की सेहत से खिलवाड़ करने का गंभीर मामला उजागर हुआ है। इस प्रकार की व्यापक स्तर पर की गई अव्यवस्था की पोल इस स्कूल में सोमवार को हरियाणा शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त एवं मुख्य सचिव के निर्देश पर गठित विशेष निगरानी कमेटी की जांच के दौरान खुली। टीम की रहनुमाई उप मंडल नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा.आशीष गोयल कर रहे थे।

इस दौरान एसडीएम कार्यालय से रोहताश कुमार, भाजपा वरिष्ठ नेता राजू कौशिक, स्वच्छ भारत मिशन ब्रांड एंबेस्डर संजय सिंगला, नगर पार्षद और निगरानी कमेटी के सदस्य मौजूद रहे। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने स्कूल हैडमास्टर उमेश कुमारी की उपस्थिति में जब खाद्य सामग्री के रखरखाव का निरीक्षण किया तो वे हैरान रह गए। टूटे-फूटे फर्नीचर व अन्य सामान के मबले नीचे खाद्य सामग्री को बेतरतीब ढंग से इधर-उधर रखा गया था। उन्होंने मुश्किल से सामग्री को तलाशने के लिए टीम के साथ स्टोर रूम में पांव रखने की जगह बनाई। अनाज के कट्टों को टैंकी की बजाए खुले में रखा गया था। जबकि रिफाइंड व अन्य सुरक्षित ढंग से रखने की बजाए जुगाडू स्थिति में मिला। हालांकि भोजन तैयार करने वाली महिलाओं द्वारा रसोई व शैड न होने के बावजूद भी बरामदे में भोजन तैयार करने के लिए साफ-सुथरी व्यवस्था बनाई गई थी। लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा सरकार की दोहपर के भोजन की योजना के प्रति भारी लारवाही मिली।

रिफाइंड की गुणवत्ता मिली बेहद निम्न

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा.आशीष गोयल ने कहा कि राजकीय प्राथमिक स्कूल के निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। खाद्य सामग्री भंडारण गृह की बजाए स्टोर रूप में मिली। मौके पर जो सामग्री मिली वह इस्तेमाल करने योग्य नहीं थी। जो रिफाइंड का पैकेट जंग लगे डिब्बे में मिला उसकी क्वालिटी बेहद निम्न थी। इस प्रकार की सामग्री सेहत के लिए हानिकारक है। टीम ने अनाज व अन्य सामग्री के सैंपल लिए हैं।

विभिन्न विभाग रहे टीम में शामिल

कलायत के सरकारी स्कूलों में दोपहर के भोजन की गुणवत्ता परखने के लिए पहुंची टीम में उप मंडल मुख्यालय, स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका व निगरानी कमेटी के सदस्य शामिल रहे। सरकार द्वारा स्कूलों में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता और इसके रखरखाव के लिए शीर्ष स्तर पर निगरानी अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत कलायत में टीम ने घंटों स्कूलों की व्यवस्था को गुणवत्ता की कसौटी पर परखा।

शिक्षक माता-पिता बनकर परोसे भोजन

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने सरकारी में निरीक्षण के दौरान जिम्मेवारी का पाठ भी स्कूल प्रबंधन को पढ़ाया। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक-शिक्षिकाएं माता-पिता की जिम्मेवारी का अहसास करते हुए बच्चों को भोजन परोसे तो अव्यवस्था का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने बताया कि स्कूल में जिन दो बड़े कमरों को स्टोर रूम में तबदील किया गया है उन्हें व्यवस्था बनाते हुए कक्षा, पाकशाला व भंडारण के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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