सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हरियाणा के इस गांव में घरों पर बुलडोजर चलाएगा वन विभाग, जारी किए 2800 नोटिस

वन विभाग के नोटिसों से गांव के लोगों में हडक़म्प मचा हुआ है। आशियानों को टूटने से बचाने के लिए ग्राम वासियों ने अब मुख्यमंत्री से गुहार लगाने की जुगत लगाई है।;

Update: 2022-11-18 05:03 GMT

फरीदाबाद। सुप्रीम कोर्ट के आदेशाें से हरियाणा के फरीदाबाद जिले के गांव अनंगपुर में वन विभाग द्वारा आशियानों को तोड़ा जाएगा। इसको लेकर वन विभाग द्वारा नोटिस भी जारी किए गए हैं। वन विभाग के नोटिसों से गांव अनंगपुर के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। आशियानों को टूटने से बचाने के लिए ग्राम वासियों ने अब मुख्यमंत्री से गुहार लगाने की जुगत लगाई है।

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने करीब 3 माह पूर्व अरावली पर्वत माला में पीएलपीए सैक्शन-4, 5 लागू होने के बाद किए गए अवैध निर्माणों को तोड़ने के संदर्भ में आदेश जारी किए थे। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशों में 1980 को बेस बनाकर आदेश जारी किए गए थे जबकि स्पेशल सेक्शन-4, 5 वर्ष 1992 में लागू किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद वन विभाग ने गांव अनखीर व मेवला के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में तो एक माह पूर्व ही तोडफ़ोड़ के संदर्भ में नोटिस जारी कर दिए थे परंतु गांव अनंगपुर के रकबे में बने मकानों को हाल ही में नोटिस जारी किए गए, वह भी बाय पोस्ट जारी किए गए हैं। बताया गया है कि गांव में करीब 2800 नोटिस अभी तक भेजे जा चुके हैं और इनमें वह गांव वासी भी शामिल हैं जिनके सदियों पूर्व से मकान आदि बने हुए थे। वन विभाग द्वारा आदेश जारी करने के बाद गांव अनंगपुर के लोगों के ऊपर तोडफ़ोड़ की तलवार लटक गई है। अब गांव वासी अपने आशियानों को बचाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं।

क्या कहते हैं गांव वासी

गांव के कई लोगों ने बताया कि 1305 ईस्वी में राजा अनंगपाल द्वारा गांव अनंगपुर बसाया गया था। उस समय जो गांव की हद तय की गई थी। उसी हद के अंतर्गत गांव वासियों ने अपने आप को बसा लिया। उनका कहना था कि आबादी के अनुसार से अगर थोड़ा बहुत एरिया बढ़ भी गया होगा तो सरकार को चाहिए आम जन की समस्या को ध्यान में रखते हुए लाल डोरे का क्षेत्रफल बढ़ा दें। उनका कहना था कि वह अपने आशियानों को किसी भी कीमत पर उजड़ने नहीं देगें।

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