सरकार ने घटाए पेट्रोल-डीजल के रेट तो पंप डीलरों ने कमीशन बढ़ाने का बनाया दबाव, किया ये बड़ा ऐलान
केंद्र द्वारा एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रो मूल्यों में करीब 9 रुपये प्रति लिटर की कमी लाने से आमजन को राहत मिली ही थी कि अब ऑल हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने पेट्रो दामों में कमीशन बढ़ाए जाने की मांग करते हुए बड़ा ऐलान किया है।;
हरिभूमि न्यूज : हिसार
केंद्र द्वारा एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रो मूल्यों में करीब 9 रुपये प्रति लिटर की कमी लाने से आमजन को राहत मिली ही थी कि अब ऑल हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने पेट्रो दामों में कमीशन बढ़ाए जाने की मांग करते हुए 31 मई को नो परचेज डे के रूप में तेल डिपो से तेल की सप्लाई नहीं लेने का ऐलान किया है। एसोसिएशन का तर्क है कि वर्ष 2017 से पेट्रोल पम्प डीलर्स का कमीशन नहीं बढ़ाया गया है। इससे प्रत्येक डीलर की आय में लाखों रुपये का असर पड़ा है। कमीशन में बढ़ोतरी की मांग पर अडिग एसोसिएशन से जुड़े प्रदेश के सभी तमाम डीलर्स ने वीडियो कान्फेंसिग कर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत 31 मई को निजी कम्पनियों से तेल नहीं खरीदने का फैसला लिया है।
ऑल हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन से जुड़े राजकुमार सलेमगढ, पवन गोयल तथा अजय खरींटा ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से पेट्रोल पम्प डीलर्स का कमीशन न बढ़ाने तथा केन्द्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी घटाने का तमाम बोझ भी सभी पेट्रो कम्पनियां पेट्रोल पम्प के बिक्री रेटों में भारी गिरावट कर डीलरों पर ही डाल दिया जाता है। इससे पेट्रोल पम्प डीलर्स की आय पर सीधा असर पड़ा है। केंद्र सरकार एवं तेल विपणन कम्पनियों से बार-बार आग्रह करने के बाद भी रिटेल डीलर्स की मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है। ऐसे में एसोसिएशन से जुड़े सभी डीलर प्रदेशभर में 31 मई को तेल डिपो से तेल की सप्लाई नहीं लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दिन पेट्रोल पम्पों पर तेल की बिक्री जरूर की जाएगी ताकि आमजन को परेशानी नहीं हो। सलेमगढ़ ने बताया कि इस विषय को लेकर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार उर्फ पप्पू यादव तथा प्रदेश महासचिव मामनचंद गुप्ता की अगुवाई में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें सभी जिलों के डीलर प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सर्वसम्मति से 31 मई को निजी कम्पनियों से पेट्रो पदार्थ नहीं खरीदने का निर्णय लिया गया।
हर छिमाही डीलर कमीशन का पुननिर्धारण का प्रावधान
एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि नियमानुसार प्रति 6 माह के बाद डीलर कमीशन का पुनर्निर्धारण किए जाने का प्रावधान है और यह तेल कम्पनियों ने लिखित में इसे स्वीकार किया है। एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले 5 साल के दौरान पेट्रोल की कीमत 150 प्रतिशत तथा डीजल की कीमत 160 प्रतिशत बढ़ चुकी है लेकिन कमीशन 5 साल पुरानी कमीशन दर पर मिल रहा है। एसोसिएशन का कहना है कि पम्प डीलर को जो कमीशन मिलता है उसमे 90 प्रतिशत पम्प चलाने का खर्चा हो जाता है। इस तरह 5 साल के दौरान पम्प चलाने का जो खर्च बढ़ा है उसकी पूर्ति आज के दिन मिल रहे कमीशन में नहीं हो पाती है। डीलर कमीशन का प्रति 6 माह में पुनर्निर्धारण किया जाना एवं पम्प चलाने में कमीशन का 90 प्रतिशत खर्च होने की रिपोर्ट केंद्र सरकार की गठित अपूर्व चंद्रा कमेटी ने भी किया है। इसके अतिरिक्त कर्मचारियों का वेतन केंद्र एवं प्रदेश सरकार प्रति 6 माह में पुनर्निर्धारित करती है। क्योंकि डीलर कमीशन में कर्मचारियों का वेतन भी शामिल होता है इसलिए भी डीलर कमीशन का प्रति 6 माह में पुनर्निर्धारण जरूरी है।
डीलर्स का ऐसे हो रहा नुकसान
सलेमगढ़ ने बताया कि नवंबर 2021 तथा मई 2022 में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 15 से 20 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है और जुलाई 2015 में पेट्रोल 17.46 रुपये तथा डीजल 10. 26 रुपये तथा जुलाई 2021 में पेट्रोल 32.90 रुपये तथा डीजल 31. 80 रुपये यानि कुल पेट्रोल 50.36 रुपये तथा डीजल 42. 06 रुपये की बढ़ोतरी की है। लेकिन इस बढ़ोतरी को डीलरों के बिक्री मूल्य में नहीं जोड़ा गया है जबकि घटाई गई एक्साइज ड्यूटी की राशि दोनों बार डीलर के बिक्री मूल्य से घटा दी गई है, इससे हर डीलर को अब तक लाखों रुपये का नुकसान भुगतना पड़ा है। वैसे भी डीलर को एक्साइज ड्यूटी की घटती बढ़ती के अंतर्गत रखना उचित नहीं है क्योंकि डीलर को एक्साइज ड्यूटी का पूरा भुगतान करने पर ही पेट्रो पदार्थों की सप्लाई मिलती है। इसलिए उसके बिक्री मूल्य में से एक्साइज ड्यूटी की राशि वापस कम करना गलत है। सलेमगढ़ ने कहा कि कमीनन बढ़ाने के लिए तेल कम्पनियों के उच्चतम अधिकारियों से लिखित अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन डीलरों की मांग नहीं मानी जा रही है। इसके विरोध में 31 मई को प्रदेशभर में डीलर पेट्रो सप्लाई नहीं उठाएंगे।