Haryana : सभी थानों और चौकियों में अब तीसरी आंख रखेगी खाकी पर नजर

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और हरियाणा मानवाधिकार आयोग की ओर से दिए गए फरमान के अनुसार थाने व चौकियों में कैमरों के जरिये 18 घंटे की निगरानी होगी। साथ ही इसमें पूरी कवरेज करने का प्रबंध होगा।;

Update: 2021-11-25 08:38 GMT

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़

हरियाणा प्रदेश के सभी पुलिस थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फरमान के बाद में अब मात्र कैमरे मात्र थानों तक नहीं बल्कि राज्यभर के विभिन्न शहरों में स्थापित पुलिस चौकियों को भी सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा। उक्त सारा का सारा काम हारट्रोन नहीं बल्कि हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन करेगा, जिसको लेकर पुलिस हाउसिंग के आला अफसरों ने होमवर्क पूरा कर लिया है।

वैसे, पूरे मामले में सूत्र बताते हैं कि हरियाणा में लगभग 378 थाने हैं, जिनमें से अधिकांश को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है। कुछ थानों में तकनीकी कारणों से अभी सीसीटीवी नहीं लगाए गए हैं, वहां पर भी यह काम जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारी है। उधर, पूरे मामले में अब हारट्रो नहीं बल्कि यह काम हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन से कराया जाएगा। पूर्व में यह काम हारट्रोन से कराने की तैयारी थी, लेकिन इसके लिए संभावित बजट 70 करोड़ से ज्यादा प्रस्तावित खर्च बताया जा रहा था। बाद में यह कामकाज हरियाणा पुलिस हाउसिंग को सौंपा गया है। खास बात यहां पर यह है कि राज्यभर के सभी थानों में सीसीटीवी लगाने के साथ-साथ सभी चौकियों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

औसतन सभी थानों में पंद्रह-पंद्रह कैमरे होना जरूरी है, भले ही अधिकांश थानों में कैमरे लगा दिए गए हैं, उसके बावजूद भी रीचेकिंग होगी और कम से कम 15 कैमरे लगाने का काम होगा। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और हरियाणा मानवाधिकार आयोग की ओर से दिए गए फरमान के अनुसार थाने व चौकियों में कैमरों के जरिये 18 घंटे की निगरानी होगी। साथ ही इसमें पूरी कवरेज करने का प्रबंध होगा।

यहां पर यह भी बता दें कि पूरे मामले में अवैध हिरासत से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकारों से पुलिस चौकियों में प्रवेश और निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर पूछा था। हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों ( एसीएस ) को इस संदर्भ में हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया था। इतना ही नहीं पूरे मामले में पंचकूला निवासी याचिकाकर्ता द्वारा 17 साल के बेटे को 8 जुलाई की रात पुलिस द्वारा अवैध तरीके से उठाए जाने का आरोप लगाया था। उसे छुड़ाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर चौकी की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट को बताया गया था कि पुलिस ने याचिकाकर्ता के बेटे को सेक्टर-16 की पुलिस चौकी में गिरफ्तार किया था। बाद में उसे सेक्टर 14 पुलिस स्टेशन ले जाया गया और अदालत में पेश कर हिरासत में रखा है। चौकी में कैमरे नहीं होने के कारण भी हाईकोर्ट ने जवाब मांगा था। हाईकोर्ट ने अब पुलिस चौकियों में सीसीटीवी लगाने की समय सीमा सौंपने का दोनों राज्यों को आदेश जारी कर दिया है।

मानवाधिकार कार्यकर्ता ने उठाया था पूरा का पूरा मामला

हरियाणाभर के सभी थानों और चौकियों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का पूरा मामला पंचकूला के रहने वाले एक मानवाधिकार कार्यकर्ता द्वारा उठाया गया था। हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा राज्य सरकार और पुलिस महकमें द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को लेकर भी अपडेट भी आयोग ले रहा है। जिसकी प्रकिया से हरियाणा मानवाधिकार आयोग संतुष्ट है।मानवाधिकार कार्यकर्ता मनमोहन मुदगिल निवासी (सेक्टर 12) पंचकूला ने 27 अक्टूबर 2021 को इस संबंध में एक याचिका भी दायर की थी। याचिका कर्ता का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के थानों, पुलिस चौकी और जिला जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश जारी किया हुआ है। हरियाणा में इन आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। आयोग सदस्य दीप भाटिया ने बताया कि एडीजीपी अमिताभ ढिल्लों ने इस संबंध में आयोग के सामने एक रिपोर्ट पेश करते हुए अभी तक लगाए गए कैमरों आदि को लेकर पूरा ब्योरा दिया था।

6 ट्रैफिक और साइबर थाने भी

पंचकूला के रहने वाले मनमोहन मोदगिल की याचिका पर हरियाणा मानवादिकार आयोग ने डीजीपी हरियाणा को नोटिस जारी किया था। जवाब में एडीजीपी हरियाणा ने रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें बताया गया था कि हरियाणा में लगभग 378 पुलिस थाने हैं और इसमें से 368 थानों में सीसीटीवी कैमरे अभी तक लगाए जा चुके हैं। तीन पुलिस स्टेशनों की इमारतें अभी प्रयोग में नहीं लाई जा रही हैं और 6 ट्रैफिक पुलिस थानों और एक साइबर क्राइम थाने से संबंधित एसपी को 6 सितंबर 2021 को आदेश जारी कर दिए गए हैं। 2 नवंबर 2021 को प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग मीटिंग की रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है।

सुप्रीम अदालत ने सीसीटीवी को लेकर दिया था फरमान

इस संबंध में देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट की ओर से देशभर के सभी राज्यों के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे तुरंत लगाए जाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट निर्देश अनुसार सीसीटीवी कैमरों में पिछले 18 महीनों की रिकॉर्डिंग रखनी होगी। सरकारी एजेंसी हारट्रोन द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को हरियाण पुलिस हाउसिंग कोर्पोरेशन के पास भेजा गया था। 8 नवंबर 2021 को सभी थानों में मानवाधिकार अथॅारिटी की ई-मेल आईडी और संपर्क नंबर अंकित करने के संबंध में पत्र जारी कर दिया गया था। यहां पर यह भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में यूटी और राज्यों को आदेश दिए थे कि थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। नाइट विजन कैमरों की फुटेज और ऑडियो पूरी तरह से स्पष्ट हो और जिन थानों में इलेक्ट्रिसिटी और इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वहां उन थानों में राज्य सरकार, यूटी प्रशासन व्यस्था करेंगे।

बेहतर व्यवस्था बनाने की दिशा में पूरी तरह से गंभीर  : अनिल विज

प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का पूछे जाने पर कहना है कि हम बेहतर से बेहतर व्यवस्था बनाने और पुलिस की जवाबदेही तय करने के लिए हर तरह का कदम उठा रहे हैं। इस मामले में भले ही अदालत का आदेश है, उस पर सौ फीसदी काम होगा। विज ने कहा कि हम इस दिशा में पहले से ही गंभीरता से काम कर रहे हैं, हमने प्रदेश को 112 की सौगात दी है, जिसमें अपराधों पर नियंत्रण करने की दिशा में कम समय में बेहतर कामकाज किया है। कैमरे लगाने का काम भी जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में आदेश दिए जा चुके हैं।

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