घोटाले को लेकर फिर सुर्खियों में हरियाणा बीज विकास निगम, सीएम ने दिए विजिलेंस जांच के आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

बीज के उत्पादन के नाम पर कुछ लोगों ने कथित किसान बनकर खेल किया। महज थोड़ी कुछ एकड़ जमीन रखने वालों ने सैकड़ों एकड़ जमीन पर बीज उत्पादन दिखाकर सरकार को चूना लगाया।;

Update: 2021-06-16 15:19 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा बीज विकास निगम एक बार फिर सुर्खियों में है, इस बार भी बीज के उत्पादन के नाम पर कुछ लोगों ने कथित किसान बनकर खेल किया। महज थोड़ी कुछ एकड़ जमीन रखने वालों ने सैकड़ों एकड़ जमीन पर बीज उत्पादन दिखाकर सरकार को चूना लगाने का काम किया है। पूरा का पूरा मामला सीएम के संज्ञान में आ जाने के बाद इसकी विजिलेंस इंकवायरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

हरियाणा बीज विकास निगम में इस घोटाले का मामला तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है, क्योंकि इसके विजिलेंस जांच के आदेश हो गए है। पूरे मामले में बीज निगम के एक निदेशक और पूर्व निदेशक की भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पूरे मामले में सीएम ने विजिलेंस को जांच कऱ रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

हरियाणा बीज विकास निगम को दी गई शिकायत में पाया गया है कि निगम में मौजूदा एक अफसर ने जींद के गिल्लाखेड़ा गांव में साठ एकड़ जमीन पर बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत बीज का उत्पादन दिखाया है। इसी तरह से अपनी पत्नी के नाम पर 13 एकड़ में कृभकों के लिए और दस एकड़ जमीन पर अपने बेटे के नाम परईएफएफडीसी के लिए बीज उत्पादन दिखाय जाा रहा है। जबकि इस गांव में इस निदेशक या उसके परिवार के नाम पर कोई जमीन ही नहीं हैं।इसी तरह से एक पूर्व निदेशक ने भी 315 एकड़ जमीन पर बीज उत्पादन दिखाकर खेल किया और परिवार के सदस्यों के नाम पर सिर्फ 65 एकड़ जमीन ही है।

घोटाले में शामिल इन लोगों द्वारा यूपी और राजस्थान से सस्ते दामों पर बीज खरीदकर निगम और दूसरी एजेंसी को सप्लाई किया जा रहा था।बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत बीज विकास निगम और दूसरी एजेंसी एमएसपी चार सौ रुपये प्रति कंतुल से ज्यादा कीमत दिया करती हैं। दालों के बीज और खरीफ की फसलों के लिए एमएसपी तीस गुना ज्यादा कीमत पर बीज उत्पादकों को दी जाती है। घोटाले में शामिल ना केवल निगम को चूना लगा रहे हैं बल्कि घटिया बीज को निगम से प्रमाणित भी कराया जा रहा था। दूसरी तरफ किसान इसे हाईब्रिड समझकर खरीद रहे थे. जिसके कारण पैदावार पर विपरीत प्रभाव हो रहा था।पूरे मामले में अफसरों की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं।

Tags: