कैसे लगेगा अपराधियों पर अंकुश : पुलिस वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त, अपराधी वारदातों में मस्त
अधिकतर मामले अनसुलझे हैं। अपराध पर अंकुश लगना तो दूर, पुरानी वारदात सुलझाने में भी पसीने छूट रहे हैं। थाने-चौकियों में पर्याप्त स्टाफ न होना भी इसकी एक बड़ी वजह मान सकते हैं।;
मनीष कुमार. बहादुरगढ़। कभी चुनाव तो कभी वीआईपी ड्यूटी के चलते पुलिस की व्यस्तता इन दिनों काफी बढ़ी हुई है। इलाके के तमाम चौकी-थानों के कई-कई पुलिसकर्मी वीआईपी ड्यूटी पर हैं। पुलिस की इस व्यस्तता का चोर-लुटेरों ने भी खूब लाभ उठाया है। बीते कुछ दिनों में इलाके में कई वारदात हो गई हैं। थाने-चौकियों में मौजूद आधे-अधूरे स्टाफ को वारदातों पर अंकुश लगाने, पुरानी वारदातों को सुलझाने तथा व्यवस्था बनाए रखने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
दरअसल, आबादी के हिसाब से वैसे ही थाने-चौकियों में स्टाफ पूरा नहीं होता और बीते कुछ समय से तो पुलिस दूसरी ड्यूटियों में ही व्यस्त हैं। ऐसे में पिछले करीब एक महीने में चोरी, छीना झपटी के लगभग दो दर्जनभर मामले बहादुरगढ़ इलाके में हो चुके हैं। इनमें कुछ वारदात सरेराह, दिन दहाड़े हो गई। अधिकतर मामले अनसुलझे हैं। अपराध पर अंकुश लगना तो दूर, पुरानी वारदात सुलझाने में भी पसीने छूट रहे हैं। थाने-चौकियों मंे पर्याप्त स्टाफ न होना भी इसकी एक बड़ी वजह मान सकते हैं।
राष्ट्रपति-गृहमंत्री आए
गत आठ अक्टूबर को चंडीगढ़ में एयर शो हुआ, जिसमें राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शिरकत की। सुरक्षा के मद्देनजर वहां बड़ी तादाद में पुलिस पहले ही तैनात कर दी गई थी। इनमें इलाके के पुलिसकर्मी भी शामिल रहे। इसके बाद 27 अक्टूबर को फरीदाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली हुई। कई दिन तक सुरक्षा के लिहाज से पुलिस फरीदाबाद में रही।
चुनावी भागदौड़ रही
फिर पंचायत चुनाव के चलते ड्यूटी भागदौड़ हुई। प्रथम चरण संपन्न हुआ तो रोहतक के बाबा मस्तनाथ विद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह के लिए ड्यूटी लग गई। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शिरकत की। इस कार्यक्रम से निपटेंगे तो दूसरे चरणों के चुनावी ड्यूटी का शेड्यूल तैयार है। ऐसी स्थिति मंे उन पुलिसकर्मियों की परेशानी बढ़ गई है, जो थाने-चौकियों में ड्यूटी पर हैं।
काम का खूब दबाव
बड़ी वारदात छोड़ दें तो झगड़े-दुर्घटनाओं की भी कई-कई कॉल आ जाती हैं। कुछ पुलिस कर्मियों ने बताया कि स्टाफ कम है और काम बहुत ज्यादा है। पुराने केस भी सुलझाने हैं, सुरक्षा व्यवस्था भी कायम रखनी हैं और सूचना मिलने पर मौके पर भी पहुंचना है। तारीखों पर भी जाना होता है। काम का दबाव ज्यादा है, फिर भी कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।