हरियाणा में हुआ 6 राज्यों के कृषि मार्केटिंग बोर्ड का संयुक्त सम्मेलन
- अंतरराज्यीय व्यापार को बढ़ावा देने व राज्य कृषि विपणन बोर्डों के बीच बुनियादी ढांचे को साझा करने पर हुआ विचार-विमर्श
- हरियाणा सरकार का प्रयास 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में मंडी विकसित करना
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Haryana : हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल के किसानों को उनकी उपज के लिए मार्केटिंग मंच तैयार करने के प्रयासों को आज उस समय बड़ी सफलता मिली, जब हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के तत्वाधान में पंचकूला में 6 राज्यों के कृषि मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन अपने-अपने राज्यों के अनुभव साझा करने के लिए एकत्रित हुए। समारोह का उद्घाटन कृषिमंत्री जेपी दलाल ने करते हुए कहा कि 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में मंडी विकसित करने का हरियाणा सरकार का प्रयास है। सभी राज्यों के कृषि मार्केटिंग विपणन बोर्ड को एक सांझा फंड तैयार करना चाहिए ताकि किसान की प्रगति हो।
उन्होंने कहा कि हमें आपस में इंफ्रास्ट्रक्चर शेयर करना होगा। आज दुनिया एक ग्लोबल विलेज बन गया है। इसलिए किसान हेतु देश के मार्केटिंग बोर्डस को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा दिल्ली के निकट है और यंहा की लगभग 5 करोड़ की जनसंख्या की फल, सब्जी, दूध व अन्य डेयरी उत्पाद आदि रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्त स्थल है। हमने केवल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना है। गन्नौर में लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय मंडी विकसित की जा रही है जिसमें सालाना 30 से 40 हजार करोड़ रुपए का व्यापार होने का अनुमान है। इस मंडी में अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप फल और सब्जियों की पैकेजिंग व छंटाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी। जापान की जायका वित्तीय संस्थान के माध्यम से ऋण लेकर ब्लॉक स्तर तक प्रसंस्करणीय यूनिट स्थापित करने की सरकार की योजना है।
उन्होंने कहा कि आज हरियाणा के किसानों को बेहतर से बेहतर सुविधा देने के प्रयास सरकार कर रही है। भावांतर भरपाई योजना के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्यों व मार्केट भाव के अंतराल को पूरा किया जा रहा है। आज किसान जागरूक हैं और मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर अपना पंजीकरण करवा रहे हैं। परंपरागत धान व गेंहू जैसी फसलों से उनका रूझान बागवानी व अन्य वैकल्पिक फसलों की ओर बढ़ा है। सरकार का प्रयास है कि किसानों को लॉजिस्टिक व मंडी की इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा उपलब्ध हों।
एक दूसरे के राज्यों के मार्केटिंग बोर्ड से उपज का व्यापार कर किसान की आय में की जा सकती है वृद्धि
हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के चेयरमैन आदित्य देवीलाल चौटाला ने कहा कि कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से किसानों को मजबूत करने की मांग संसद में उठाई। उसी का नतीजा है कि आज हरियाणा में 6 राज्यों के कृषि विपणन बोर्ड एक मंच पर आए और आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की पहल होगी। उत्तराखंड में मोटा अनाज की पैदावार ज्यादा होती है। इसी प्रकार गोवा में काजू, राजस्थान में बाजरा, पंजाब व हरियाणा में किन्नू का उत्पादन अधिक होता है। हम एक दूसरे के राज्यों के मार्केटिंग बोर्ड से इनका व्यापार कर सकते हैं और किसान की आय में वृद्धि की जा सकती है।
हरियाणा के किसान पर्यावरण प्रेमी
कृषिमंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा में पिछले चार पांच वर्षों में पराली जलाने की घटनाएं काफी कम हुई है। सरकार पराली प्रबंधन के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। अब तक 600 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा चुकी है। डीएसआर के माध्यम से बिजाई करने वाले किसानों को 4 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता भी दी जाती है। सरकार के प्रयासों से 2 लाख एकड़ क्षेत्र को धान की बजाय अन्य फसलों के अधीन लाया गया है। हरियाणा का किसान पर्यावरण प्रेमी है और दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण के लिए हरियाणा जिम्मेवार नहीं है बल्कि इसके कई अन्य कारण भी हैं। उन्होंने कहा कि किसान व किसानी के हित में सरकार की सोच सकारात्मक है। हम हर हालात में किसान को मजबूत करना चाहते हैं। किसानों को मार्केटिंग की रणनीती समझनी होगी और अपने उत्पाद बेचने के लिए स्वयं को आगे आना होगा।
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