आजाद हिंद फौज के वीर सिपाही रहे ललती राम का निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

ललती राम के निधन से बेशक ही नेता जी से जुड़े एक अध्याय का अंत हो गया है। बता दें कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस के साथी ललती राम को अलग-अलग समय में महामहिम राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके।;

Update: 2021-05-09 08:56 GMT

Haribhoomi News Jhajjar : आजाद हिंद फौज के सिपाही, नेता जी सुभाष चंद्र बोस के साथी रहे झज्‍जर के गांव दूबलधन निवासी स्वतंत्रता सेनानी समिति के चेयरमैन ललती राम का निधन हो गया है। करीब 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी ने अल-सुबह अंतिम सांस ली। ललती राम के निधन से बेशक ही नेता जी से जुड़े एक अध्याय का अंत हो गया है। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित देश और प्रदेश के राजनैतिक और सामाजिक संगठनों के लोगों ने शोक जताया है। 

बता दें कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस के साथी ललती राम को अलग-अलग समय में महामहिम राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके। आजाद हिंद फौज की स्थापना की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर हुए मुख्य कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मंच सांझा किया था। ललती राम हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी समिति के चेयरमेन थे। जिनका नेताजी सुभाष चंद्र बोस बच्चे की तरह ख्याल रखते थे।

सिंगापुर और हांगकांग की जेल में भी रहे ललती राम

दुबलधन गांव निवासी आजाद हिंद फौज के वीर सिपाही रहे ललती राम, को आइएनए में रहते हुए बहादुरी के लिए 3 मेडल मिले हैं। वे अम्बाला, सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड, जापान, कोलकाता (जगरकचा) जेल में भी रहे हैं। ललती राम के परिवार से पांचों बेटे पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए देश सेवा की भावना से ओत-प्रोत होकर सेना में भर्ती हुए। बाद की पीढ़ी की बात हो तो 9 पौत्रों में से 5 पौत्र फौज में है तथा एक पौत्री पुलिस में है। महामहिम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से दो दफा, महामहिम प्रणब मुखर्जी और महामहिम रामनाथ कोविन्द से भी ललती राम एक-एक दफा सम्मानित हो चुके हैं। सम्मानित होने के इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उन्हें विशेष सम्मान मिल चुका है।


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