अब हरियाणा में अलवर- दादरी रेल लाइन बनाने की मांग उठी
लोगों का कहना है कि केंद्र की यूपीए-टू सरकार द्वारा इस रेल लाइन के सर्वेक्षण (Survey) को मंजूरी रेल बजट में दी थी, मगर अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं सरकार नई-नई रेल लाइन डालने की घोषणा कर रही है, जबकि पुरानी घोषणाओं (Announcements) की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।;
देवेंद्र यादव : महेंद्रगढ़
केंद्र सरकार (Central government) ने कुंडली-पलवल-मानेसर एक्सप्रेस वे के साथ हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (Orbital Rail Corridor) बनाने की नई योजना बनाई है। इस योजना के तहत पलल से सोहना, मानेसर व खरखौदा होते हुए सोनीपत तक 121 किलोमीटर लंबी रेल लाइन डाली जाएगी। केंद्र सरकार ने इस योजना को मंजूरी (Approved) भी दे दी है। जिस पर 5617 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस रेल योजना की मंजूरी के बाद यहां के लोगों को फिर से अलवर-महेंद्रगढ़-दादरी (Alwar-Mahendragarh-Dadri) रेल लाइन की याद आ गई है। यहां के लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को पहले यूपीए सरकार (UPA Government) में मंजूर की गई लाइन डालने का कार्य करना चाहिए।
केंद्र सरकार ने दिल्ली में यातायात का दबाव कम करने के लिए एक नई रेल परियोजना को मंजूरी दी है। इसके तहत एक नई रेल लाइन प्रदेश में बिछाई जाएगी। इस रेल लाइन की घोषणा होने के साथ ही यहां के लोगों ने अलवर-महेंद्रगढ़-दादरी रेल लाइन डालने की मांग शुरू कर दी है। यहां के लोगों का कहना है कि केंद्र की यूपीए-टू सरकार द्वारा इस रेल लाइन के सर्वेक्षण को मंजूरी रेल बजट में दी थी, मगर अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं सरकार नई-नई रेल लाइन डालने की घोषणा कर रही है, जबकि पुरानी की गई घोषणाओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
आपको बता दें कि अगर अलवर से चरखी दादरी रेलवे लाइन बन जाए और रेवाडी से महेंद्रगढ़ तक डबल ट्रेक हो जाए दक्षिण हरियाणा के इस पिछड़े जिले की तरक्की के रास्ते खुल जाएंगे। साथ ही यहां के लोगों को प्रदेश के अन्य शहरों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ने का सपना भी पूरा हो जाएगा। दूसरा महेंद्रगढ़ जिला राजधानी चंडीगढ़ से जुड़ जाएगा। लोगों को इस रेल लाइन के सर्वे की भाजपा सरकार से आस थी लेकिन अब तक वह पूरी नहीं हो पाई है। लाइन बिछने से प्रदेश के कई जिलों के साथ-साथ राजस्थान के लोगों को भी इसका फायदा होगा।
दादरी व नारनौल के लिए नहीं है कोई सुविधा
रेलवे ने देश के हर क्षेत्र में रेल लाइनों का जाल बिछाया हुआ है, किंतु अलवर से वाया बहरोड़, नारनौल, महेंद्रगढ़ चरखी दादरी तक के रेल यात्रियांे के लिए कोई सुविधा नहीं है। इसससे जिला के लोगों को दादरी, रोहतक, भिवानी, और हिसार आने-जाने में परेशानी होती है। जिले के नागरिकों तथा दैनिक यात्रियों की बार-बार मांग उठाने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
160 किलोमीटर का है फासला
अलवर से चरखी दादरी सड़क मार्ग का लगभग 160 किलोमीटर का फासला है जिसको तय करने में पांच घंटे का समय लगता है। और इसका बस किराया लगभग 150 रुपये खर्च करना पड़ता है। यदि रेल सेवा प्रारंभ हो जाए तो एक यात्री पैसेंजर गाड़ी का लगभग 35 रुपये तथा एक्सप्रेस गाड़ी का 70 रुपये किराया पड़ता है। बसों में यात्रियों को अधिक समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
पहले सरकार को अलवर-दादरी रेल लाइन की देनी थी मंजूरी: कुलदीप यादव
सरताज जनसेवा ग्रुप के पीआरओ कुलदीप यादव ने बताया कि एक दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अलवर-दादरी रेलवे लाइन बिझाने की परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकारों में नेताओ ने मंच के माध्यम से कई बार इसकी घोषणा करवाई। यह सब हमारे जन प्रतिनिधियों की कमजोरी के कारण हुआ है। जनप्रतिनिधियों की कमजोरी के कारण अभी तक अलवर-महेंद्रगढ़-चरखी दादरी रेल लाइन नहीं बनवा पाए। अनेक राजनेताओं ने वायदे किए, लेकिन सभी वायदे और बातें धरी की धरी रह गई। ऐसा नहीं है कि हरियाणा में पिछले कई वर्षों से कोई नई रेल लाइन ना बनी हो इसलिए इनके हाथ बंधे हुए हो, हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों में अनेक रेल लाइन बनी या मंजूर हुई हैं। अभी इस मानसून सत्र में भी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट-पलवल से सोनीपत वाया सोहना-मानेसर-खरखौदा को मंजूरी दी है। कुलदीप यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार को इस मांग को ध्यान में रखते इसी मानसून सत्र में अलवर-दादरी रेलवे लाइन को मंजूरी देकर काम शुरू करवाना चाहिए था, ताकि महेन्द्रगढ़ जिले के लोगों का जुड़ाव राजधानी चंडीगढ़ से रेलमार्ग के माध्यम से हो सके।