Panchayat Election : चरखी दादरी के कारी आदू में बेटी के हाथ में होगी गांव की चौधर, 2 शिक्षित बेटियों में सीधा मुकाबला

इस बात का निर्णय शनिवार को मतदान के बाद ही हो पाएगा की ग्रामीण बीएमएस ज्योति शर्मा को चुनते हैं या फिर बीएससी मीनू कुमारी को प्राथमिकता देते हैं। भले ही सरपंच कौन सी लड़की बने लेकिन दो बेटियों के बीच सीधा मुकाबला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।;

Update: 2022-11-11 09:54 GMT

संदीप श्योराण : बाढड़ा ( चरखी दादरी )

सरकार द्वारा पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षा व आरक्षण का नियम लागू होने के बाद पंचायतों की चौधर अब बुजुर्गों के स्थान पर शिक्षित युवा पीढ़ी के हाथों में सौंपी जा रही है। पहले चरण में हुए पंचायत चुनाव के दौरान महेंद्रगढ़ जिले की एक बेटी सबसे युवा सरपंच बनी है। इसके अलावा दूसरे कई स्थानों पर भी लोगों ने बेटियों को गांव की चौधर सौंपी है। चरखी दादरी जिले के बाढड़ा खंड के गांव कारी आदू में भी दो बेटियों के बीच सीधा मुकाबला है जिसके चलते यह तो तय है कि गांव की चौधर पढ़ी-लिखी बेटी ही करेगी लेकिन इस बात का निर्णय शनिवार को मतदान के बाद ही हो पाएगा की ग्रामीण बीएमएस ज्योति शर्मा को चुनते हैं या फिर बीएससी मीनू कुमारी को प्राथमिकता देते हैं। भले ही सरपंच कौन सी लड़की बने लेकिन दो बेटियों के बीच सीधा मुकाबला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

बाढड़ा हलके के गांव बलाली निवासी दंगल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध फौगाट सिस्टर्स पर बनी फिल्म दंगल का डायलॉग म्हारी छोरियां छोरा सै कम हैं के आज पूरे प्रदेश ही नहीं देश में भी सुनने को मिलता है। जहां कहीं भी बेटियां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर देश-प्रदेश का नाम रोशन करती हैं वहां पर यह डायलॉग अक्सर सुनने को मिलता है। पहले तो यह केवल खेल तक ही सीमित था लेकिन पढ़ी-लिखी बेटियों ने अब पंचायत चुनाव में उतरकर इसे पूरी तरह से चरितार्थ कर दिया है। करीब डेढ दशक पहले तक गंावों में जहां बेटियों को उम्र के बावजूद मतदान से दूर रखा जाता था और लगभग शादी के बाद ही उन्हें मतदान का अवसर मिल पाता था वहीं अब बेटियां गांवों में सरपंची पद के लिए दावेदारी प्रस्तुत कर रही हैं। बाढड़ा खंड के गांव कारी आदू में तो प्रतिस्पर्धा ही पूरी तरह से दो युवतियों के बीच है जिनमें से एक का गांव का सरपंच बनना तय हैं।

गांव की दो बेटियां आमने सामने

गांव कारी आदू से सरपंच पद की दावेदारी गांव की 27 वर्षीय बेटी ज्योति शर्मा व 25 वर्षीय मीनू कुमारी पेश कर रही हैं। सरपंची के लिए चुनावी मैदान में उतरी ज्योति शर्मा ने बीएमएस की पढ़ाई की है तो मीनू कुमारी ने बीएससी पास की है। इनके अलावा गांव में तीसरा कोई और उम्मीदवार मैदान में नहीं है जिसके चलते ये तो पक्का है कि सरपंच गांव की बेटी ही बनेगी लेकिन ग्रामीण किसे तवज्जो देते हैं ये शनिवार को मतदान के बाद मतगणना होने पर साफ हो पाएगा।

दोनों कर रही गांव के विकास के दावे

चुनावी मैदान में उतरी दोनों युवतियां गांव के विकास के दांवे कर रही हैं। ज्योति जहां सरपंच बनकर गांव के विकास का अपने पिता का सपना पूरा करना चाहती है तो मीनू भी गांव के विकास में कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। दोनों ही युवतियों द्वारा गांव की मूलभुत सुविधाओं को पूरा करने के अलावा गांव में शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य करने का वायदा किया जा रहा है।

गांव में कुल 992 वोट

ढिगावा रोड़ पर स्थित बाढड़ा खंड के गांव कारी आदू ग्राम पंचायत में कुल आठ वार्ड है जिसमें 992 वोटर्स हैं। सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित इस सीट पर गांव की ज्योति व मीनू दो लड़कियां चुनावी मैदान में हैं। वहीं ग्राम पंचायत के आठ पंचों में से पांच पंच को निर्विरोध चुना गया है।

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