बरोदा में आवेदन करते ही बन रही है पेंशन, बहादुरगढ़ में महीनों से चक्कर काट रहे हैं पात्र

मनोहर सरकार(Manohar Government) के अधिकारियों के नकारात्मक रवैये के कारण अनेक पात्र आवेदकों की पेंशन (Pension) अटकी हुई है। पेंशन बनवाने के लिए इन पात्र आवेदकों को ऑनलाइन व्यवस्था के बावजूद सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।;

Update: 2020-10-17 05:28 GMT

रवींद्र राठी :  बहादुरगढ़

हरियाणा के समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) ने जहां एक तरफ बरोदा हलके में नजरे इनायत कर रखी है, तो वहीं बहादुरगढ़ में पेंशन पात्र अधिकारियों की बेरुखी के कारण भटक रहे हैं। वे चाहे लाख फरियाद करें, लेकिन स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा। बरोदा हलके के सतीश (आईडी : 181042020003736) ने दिव्यांग पेंशन के लिए 13 अक्टूबर को अप्लाई किया और उसी दिन उसकी पेंशन बन गई। जबकि झज्जर जिले में महीनों से अनेक पात्र अपनी पेंशन बनवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद पात्र आवेदक अपने पेंशन संबंधी दस्तावेज भी जमा करवा चुके हैं, लेकिन उनकी पेंशन नहीं बन रही। क्या तमाम अनिवार्यता पूरी करने के बावजूद पात्र सरकार द्वारा निर्धारित सम्मान पाने का हक नहीं रखते?

जी हां, मनोहर सरकार के अधिकारियों के नकारात्मक रवैये के कारण अनेक पात्र आवेदकों की पेंशन अटकी हुई है। पेंशन बनवाने के लिए इन पात्र आवेदकों को ऑनलाइन व्यवस्था के बावजूद सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उनकी बात ही नहीं सुन रहे। अधिकांश के मामले में अधिकारी तकनीकी दिक्कत बताकर उन्हें लटका रहे हैं। किसी के दस्तावेज दिखाने के लिए बार-बार चक्कर कटवाए जा रहे हैं। तो किसी से मार्कशीट होने के बावजूद एसएलसी मांगा जा रहा है। इन परिस्थितियों में पात्र लोगों की पेंशन नहीं बन रही है।

दूसरी तरफ सरकार के नियम भी पात्र आवेदकों पर भारी पड़ रहे हैं। पहले महामारी और फिल यूनीक फैमिली आईडी की अनिवार्यता के कारण पिछले कई माह से जिले में सैकड़ों लोग पेंशन बनने का इंतजार कर रहे हैं। वर्तमान में समाज कल्याण विभाग से बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग को प्रतिमाह 2250-2250 रुपए पेंशन दी जा रही है। हर साल 250 रुपए पेंशन में वृद्धि का लाभ भी दिया जा रहा है। जबकि समाज कल्याण विभाग इन तीन श्रेणियों के अलावा निराश्रितों, लाडली, नॉन स्कूल गोइंग छोटे बच्चों व बोनों को सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत पेंशन मुहैया करा रहा है।

बरोदा में इस तरह मेहरबानी

बरोदा की बीरमति (आईडी : 181042020002500) ने 25 मई 2020 को ऑनलाइन अप्लाई किया और अगले ही दिन उसकी पेंशन बन गई। वहीं सतबीर (आईडी : 181042020002501) ने भी 25 मई को ऑनलाइन आवेदन किया और 26 मई 2020 को उसकी पेंशन बन गई। इसी प्रकार शांति (आईडी : 181042020002505) ने 25 मई को अप्लाई किया और 11 जून को उसकी पेंशन बना दी गई। जबकि कमलेश (आईडी : 181042020003200) की पेंशन भी 13 अगस्त को अप्लाई करते ही 20 अगस्त को बना दी गई। चंद्रपति (आईडी : 181042020002512) की पेंशन भी 26 मई को अप्लाई करते ही अगले दिन 27 मई को बना दी गई।

मार्कशीट नहीं एसएलसी दो

लाडली योजना के तहत अनीता (आईडी : 070422020001526) ने 20 जुलाई 2020 को आवेदन किया था। इसके साथ उसने अपने पति कुलदीप पुत्र राज सिंह की मार्कशीट लगाई, जिसमें जन्मतिथि 4 मई 1966 दर्ज है। लेकिन 10वीं की मार्कशीट होने के बावजूद एसएलसी नहीं होने का ऑब्जेक्शन लगाकर उसकी पेंशन नहीं बनाई गई। इसी तरह गीता देवी (आईडी : 070422020001527) ने भी लाडली स्कीम के तहत 20 जुलाई को आवेदन किया था। उसने अपने पति मनोज कुमार पुत्र सत्यप्रकाश की जन्मतिथि 26 नवंबर 1974 सिद्ध करने के लिए उसकी मार्कशीट साथ लगाई थी। उसके आवेदन में भी एसएलसी का ऑब्जेक्शन लगाकर पेंशन अटका दी गई।

बस रिजेक्ट करना है आवेदन

सरकार स्कूल नहीं जाने वाले 18 वर्ष से कम आयु के निशक्त बच्चे को पेंशन देती है। इसके लिए युग पुत्र अशोक (आईडी : 070422020001528) ने 21 जुलाई 2020 को आवेदन किया। शत प्रतिशत गूंगा-बहरा होने का प्रमाण पत्र भी साथ लगाया। लेकिन उसकी पेंशन भी 2 सितंबर को मेडिकल सर्टिफिकेट नॉट वेलिड फॉर द स्कीम बताकर रिजेक्ट कर दी गई। वहीं वृद्धावस्था पेंशन के लिए कलावति (आईडी : 070422020001096) ने 7 अप्रैल 2020 को अप्लाई किया था। उसके दस्तावेज मार्क फॉर वेरिफकेशन की स्टेज पर पहुंचने के बावजूद 4 अगस्त को आवेदन 'हार्ड कॉपी सब्मिट नहीं करवाई' कहकर रिजेक्ट कर दिया गया।

बनने के बाद पेंशन नहीं मिली

वहीं सतबीर पुत्र होश्यिार (आईडी : 6854471) की पेंशन 24 अगस्त 2020 को बन गई थी। लेकिन अब तक उसकी पेंशन नहीं आई है। ईश्वर सिंह पुत्र कलिराम (आईडी : 6850042) की पेंशन 7 अगस्त 2020 को बन गई थी। लेकिन अब तक उसकी पेंशन नहीं आई है। वह बार-बार इसके लिए सरकारी दफ्तरों व बैंक के चक्कर लगाने को मजबूर है।

बार-बार दिखाओ दस्तावेज

रणवीर कुमार मजीठिया (आईडी : 070422020001543) ने 29 जुलाई 2020 को पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। दो बार अधूरे दस्तावेज का ऑब्जेक्शन लगने पर वे स्वयं ऑरिजनल दस्तावेज झज्जर जाकर विभाग के कार्यालय में वेरिफाई करवा कर आए। अब 13 अक्टूबर को तीसरी बार ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स और एप्लीकेशन के साथ मिलने का फरमान जारी हो गया।

ढाई महीने से नहीं हुई प्रोग्रेस

वहीं रामरती ने 28 जुलाई 2020 को विधवा पेंशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया था। लेकिन करीब ढाई महीने बाद तक इसमें कोई प्रोग्रेस नहीं हुई। इसी तरह एक अन्य महिला मुकेश ने भी विधवा पेंशन के लिए 29 जुलाई को ऑनलाइन आवेदन किया था। लेकिन करीब ढाई महीने बीत जाने के बाद इस मामले में भी कोई प्रगति ऑनलाइन शो नहीं हो रही।

जो जायज आवेदन हैं, उनकी पेंशन बनाई जा रही हैं

विभाग द्वारा बेवजह किसी के चक्कर नहीं कटवाए जा रहे। जो जायज आवेदन हैं, उनकी पेंशन बनाई जा रही हैं। जिन आवेदनों में कमियां हैं, उन पर ही ऑब्जेक्शन लगाए जा रहे हैं। - वीरेंद्र यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी

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