छात्रा से छेड़छाड़ पर प्राध्यापक को 5 साल की कैद, कोर्ट की टिप्प्णी : गुरु शिष्य के रिश्ते को कलंकित करने वाला नरमी का हकदार नहीं

24 अक्टूबर 2017 को थाना सीवन में दर्ज मामले के अनुसार 12वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा की कापी पर अंग्रेजी पढ़ाने वाला प्राध्यापक संजीव अपशब्द लिखता था और छेड़छाड़ करता था।;

Update: 2021-07-19 11:37 GMT

हरिभूमि न्यूज. कैथल

छात्रा की आंसर कॉपी पर गलत शब्द लिखने और छेड़छाड़ करने के मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा विशेष न्यायालय एससी/एसटी व पॉक्सो तथा क्राइम अगेंस्ट वूमेन जिला कैथल पूनम सुनेजा की अदालत ने प्राध्यापक को दोषी करार देते हुए 5 वर्ष कैद तथा 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को अतिरिक्त कारावास भी भुगतना पड़ेगा।

पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने बताया कि 24 अक्टूबर 2017 को थाना सीवन में दर्ज मामले के अनुसार एक गांव की 12वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा की कापी पर अंग्रेजी पढ़ाने वाला प्राध्यापक संजीव अपशब्द लिखता रहा। छात्रा द्वारा प्रिसिंपल से शिकायत करने उपरांत भी यह ऐसा करता रहा। प्राध्यापक छात्रा पर कक्षा में भी व्यंग्य करता रहता था। संजीव कुमार निवासी दयोरा को 12 मार्च 2018 को गिरफ्तार किया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा विशेष न्यायालय एससी/एसटी व पॉक्सो तथा क्राइम अगेंस्ट वुमेन जिला कैथल पूनम सुनेजा की अदालत द्वारा प्राध्यापक संजीव को दोषी करार देते हुए उसे 5 वर्ष कैद तथा 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

दोषी किसी भी प्रकार की नरमी का हकदार नहीं 

एसपी ने बताया कि न्यायालय ने अपने निर्णय में साफ तौर पर लिखा कि विद्यालय वह स्थान है जहां माता-पिता अपने बच्चों को विद्या ग्रहण करने के लिए भेजते हैं और यह आशा करते हैं कि उनके बच्चों का सुरक्षित पालन पोषण हो। एक शिक्षक के रूप में व्यक्ति को मानवीय मूल्यों के प्रति जागरूक एवं चरित्रवान होना चाहिए। दुर्भाग्य से नीतिहीन दोषी संजीव ने अपनी शिष्या के साथ घिनौना अपराध करके विद्यालय, विद्यार्थी, माता-पिता तथा समाज के विश्वास के साथ धोखा किया है तथा गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने पर दोषी किसी प्रकार की नरमी का हकदार नहीं है।

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