रेवाड़ी पुलिस को क्यों जारी करनी पड़ी एडवाइजरी, जानें

एसपी अभिषेक जोरवाल ने किसी भी अनजान व्यक्ति से कोई भी जानकारी (Information) साझा न करने तथा आनलाइन खरीदारी (Online shopping) के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी है।;

Update: 2020-09-06 08:30 GMT

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

जिले में बढ़ रहे साइबर अपराध (Cyber ​​crimes) के मामलों को देखते हुए पुलिस की ओर से एडवाइजरी (Advisory) जारी की गई है। एसपी अभिषेक जोरवाल ने किसी भी अनजान व्यक्ति से कोई भी जानकारी साझा न करने तथा आनलाइन खरीदारी (Online shopping) के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी है।

एसपी ने कहा कि ऑनलाइन ठगी में हैकरों द्वारा फेसबुक के जरिए कैश बैक पाने के लिए फोन-पे रिवार्ड व फ्री कूपन भेजकर तथा कोटक महिद्रा बैंक की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के क्रेडिट कार्ड की जानकारी जुटाई जा रही है। हैकर्स द्वारा वेबसाइट बनाकर घरेलू सामान व इलेक्ट्रानिक उपकरण बेचने का झांसा भी दिया जा रहा है।

धोखाधड़ी से बचने के लिए बरतें सावधानियां

एसपी ने कहा कि अपना अकाउंट नंबर, वन टाइम पासवर्ड फोन कॉल पर किसी से भी शेयर न करें। कोई भी बैंक अथवा इंश्योरेंस कंपनी कर्मचारी कॉल करके आपसे डिटेल नही मांगता। नेट बैंकिग करते समय भी सतर्क रहें। अपना यूजर नेम व पासवर्ड शेयर न करें, अधिकृत वेबसाइट का ही प्रयोग करें, साइबर कैफे व फ्री वाइफाइ में नेट बैंकिग का प्रयोग न करें, ट्रांजेक्शन लिमिट सेट करें व एसएमएस अलर्ट ऑन रखें। उन्होंने कहा कि एटीएम कार्ड का प्रयोग करते समय किसी को भी सीवीवी (कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू) नंबर, वन टाइम पासवर्ड व पिन न बताएं। एटीएम पर किसी भी अनजान व्यक्ति की मदद न लें, वह कार्ड बदल सकता है। खरीदारी के वक्त कार्ड अपने सामने स्वाइप कराएं। संदिग्ध लिक, जैकपॉट या फ्री रीचार्ज पर क्लिक न करें।

किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती न करें

फेसबुक फ्रॉड से बचने के लिए किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती न करें तथा अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजे गए मैसेज पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि किसी को भी व्यक्तिगत जानकारी न बताएं तथा प्राइवेसी सेटिग का इस्तेमाल करें। अपरिचित व्यक्ति द्वारा भेजी गई कोई भी एप डाउलोड करें। ऐसा करे से फोन हैक कर ठगी हो सकती है। केवाइसी के नाम पर 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। इस दौरान ठग खाते से पैसे निकाल सकते हैं। सबसे ज्यादा साइबर ठगी मोबाइल पर बैंक या ई-वॉलेट कंपनी के अधिकारी बनकर हो रही है। 

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