Selja का कृषिमंत्री पर जुबानी हमला : जापान दौरे का कोई औचित्य नहीं, किसानों की करनी चाहिए चिंता

  • पोर्टल में न उलझा कर 48 घंटे में मुआवजा दे सरकार
  • सीईटी पर हठधर्मिता छोड़ सीईटी पास सभी को लिखित परीक्षा में करें शामिल
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Update: 2023-07-26 15:45 GMT

Haryana : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा (Selja) ने कृषिमंत्री पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि आधा हरियाणा बाढ़ की चपेट में है। हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है, नई फसल की बुआई खतरे में है, किसान भारी आर्थिक व मानसिक तनाव में है। दूसरी तरफ हरियाणा के कृषि मंत्री अधिकारियों के लाव लश्कर के साथ जापान में डेरा जमाए बैठे हैं। कृषि मंत्री का यह दौरा एक-दो दिन का नहीं पूरे आठ-नौ दिन का है। यह तो वही बात हुई कि रोम जलता है तो जलता रहे, नीरो को तो बंसी बजानी ही है। कृषिमंत्री के जापान दौरे का कोई औचित्य नहीं है। 

उन्होंने कहा कि सरकार लोकतंत्र के मूल सरोकारों को भूल कर आचरण कर रही है। चार दिन पूर्व मुख्यमंत्री सिरसा में बाढ़ग्रस्त इलाकों, डूबे खेतों का निरीक्षण करने आए थे लेकिन एयरपोर्ट से ही वापस लौट गए। जबकि हिसार में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने में अनेक घंटे लगाए। लोकतंत्र में जनहित के मुद्दों पर तत्काल कार्य करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि बाढ़ से त्रस्त किसानों व ग्रामीणों को पोर्टल में उलझा कर सरकार उनकी मुश्किलें और बढ़ा रही है। किस खेत-ढाणी-बस्ती-मुहल्ले में कितना पानी खड़ा है, अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण करें और तत्काल मुआवजे के लिए सरकार को रिपोर्ट भेजे। किसान चौतरफा मुश्किलों से घिरे हैं, उन्हें नई फसल की बुआई के लिए बीज, खाद, कीटनाशक खरीदने के लिए विशेष राशि तथा बाढ़ से नष्ट फसल का मुआवजा सरकार 48 घंटे में दे।

उन्होंने कहा कि सरकार आम ग्रामीणों, किसानों को पोर्टल के नाम पर परेशान किए हुए हैं। किसानों के लिए यह आपातकाल की स्थिति है। ऐसी स्थिति में उनकी तुरंत मदद की जाए। जिन किसानों के घर व खेत पानी में गिरे हुए हैं, वह किस कंप्यूटर पर, किस पोर्टल पर जाकर अपने खेत खलिहान की जानकारी सरकार को देंगे। सरकार की स्वयं यह जिम्मेदारी है कि किसानों में ग्रामीणों के संकट के समय में ऐसे नियम कानूनों में ढील देकर किसानों व ग्रामीणों की तुरंत मदद करें ताकि वह अपनी फसल की बिजाई फिर से कर सकें। 

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