Sonipat : पराली जलाने पर जिला प्रशासन ने अपनाया सख्त रवैया, 7 किसानों पर जुर्माना व 2 पर दर्ज करवाया मुकदमा

  • विभाग की तरफ से 7 किसानों पर 17 हजार 500 रुपए जुर्माना राशि वसूली, पीएम सम्मान निधि की किश्त भी जाएगी रोकी
  • आगजनी करने वाले किसानों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से किया जाएगा ब्लैकलिस्ट
  • सैटेलाईट से रखी जा रही चप्पे-चप्पे पर नजर, आगजनी के साथ ही मिल जाएगी प्रशासन को सूचना
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Update: 2023-10-03 15:03 GMT

Sonipat : जिले में धान की फसल के अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया। प्रशासन की तरफ से आगजनी की घटनाओं की जानकारी मिलते ही एसडीएम स्तर के अधिकारी मौके पर पहुंच रहे है। पर्यावरण संरक्षण व लोगों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक ने उपायुक्त को प्रस्ताव प्रेषित करते हुए सिफारिश की कि पराली जलाने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता न दी जाएं। यदि कोई ऐसा किसान पराली जलाता हुआ मिलता है तो उसको दी जा रही सहायता तुरंत बंद कर दी जाएं। प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली किस्त को रोकने का प्रवाधान किया गया। 

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पराली जलाना गैर-कानूनी है। सैटेलाईज से चप्प-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। यदि कहीं भी कोई आगजनी की घटना होती है तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन को मिल जाएगी। सूचना मिलते ही संबंधित टीम मौके पर जाकर जांच करेगी और आरोपितों के विरूद्घ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। जुर्माना लगाने के साथ पुलिस में मामला दर्ज करवाया जा सकता है। उन्होंने यह आदेश औद्योगिक इकाइयों तथा दुकानों के लिए भी लागू होने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि कोई दुकानदार अथवा औद्योगिक इकाई संचालक अपने कचरे को जलाता है तो उसकी इकाई को छह माह के लिए सील कर दिया जाएगा।

सेटेलाइट के जरिए रखी जा रही नजर, 16 मामले आ चुके है सामने

जिले में आगजनी की घटनाओं पर नजर रखने के लिए विभाग की तरफ से सेटेलाइट के जरिए नजर रखी जा रही है। सेटेलाइट के माध्यम से फसल अवशेष आगजनी के 16 केस सामने आ चुके है। जिनमें से 9 लोकेशन ऐसी पाई गई है। जहां किसानों ने फसल अवशेष में आगजनी नहीं की थी। वहीं 7 ऐसे मामलों में लोकेशन ऐसी पाई गई है, जहां मौके पर फसल अवशेष में आग लगाई हुई मिली है। विभाग की तरफ से ऐसे किसानों पर 2500-2500 के हिसाब से 17 हजार 500 रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है। विभाग की तरफ से दो किसानों पर संबंधित थाने में शिकायत दी है। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मिलने वाली सरकारी सुविधाएं जाएंगी रोकी, पीएम निधि सहायता होगी बंद

जिला प्रशासन द्वारा आगजनी की घटनाओं पर नजर रखने के लिए निगरानी के लिए कमेटी गठित की हुई है। वहीं स्कूलों में भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। टीम के सदस्य ग्रामीण स्तर पर काटने वाली फसल पर निगरानी रख रहे है। फसल की कंबाइन से कटाई करने वाले लोगों से भी फसल कटाई की लिस्ट मांगी गई है। वहीं प्रदेश की सरकार परली प्रबंधन को लेकर भी एक हजार रुपए प्रति एकड़ दे रही है। कृषि विभाग द्वारा फायर ब्रिगेड की 26 गाडि़यां लगाई गई है। जहां मौके पर सूचना मिलते ही गाड़ी को भेज कर आग को बुझाने का काम करती है। खेतों में फसल अवशेष में आग लगने वाले किसानों को सरकार की मिलने वाली स्कीम में ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। ऐसे किसान को किसी भी स्कीम का लाभ नहीं मिल पाएगा।

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