प्राइवेट आईटीआई से विद्यार्थियों का मोह हुआ भंग, कहीं आधे से ज्यादा सीट खाली तो कहीं हुए हैं एक से दो दाखिले

पांचवीं काउंसिलिंग के बाद की अंतिम 25 अगस्त निर्धारित की गई थी। इसके बावजूद भी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में सीट खाली रह रह गई थी। खाली सीटों को देखते हुए विभाग की ओर से अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई ।;

Update: 2023-08-28 08:03 GMT

महेश कुमार/महेंद्रगढ़। प्रदेश सरकार भले ही कौशल विकास पर जोर दे रही हो, लेकिन राजकीय आईटीआई की तुलना में निजी आईटीआई की स्थिति काफी बेकार है। चार चरणों की दाखिला प्रक्रिया के बाद भी जिले की प्राइवेट आईटीआई में 60 प्रतिशत से अधिक सीट खाली हैं। प्राइवेट आईटीआई में सीट खाली रहने की वजह महंगी फीस व संसाधनों की कमी माना जा रहा है।

बता दें कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एक जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी। विभाग की ओर से आवेदन की अंतिम तिथि 21 जून निर्धारित की गई थी, लेकिन इस दौरान औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में उम्मीद से कम आवेदन आए। इसके बाद विभाग की ओर से आवेदन करने की तिथि बढ़ा दी गई। चार चरण की दाखिला प्रक्रिया के बाद बाद अधिकाशं संस्थानों में सीट खाली रह गई थी। इसी को देखते हुए हरियाणा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की ओर से पांचवी काउंसिलिंग का शेड्यूल जारी किया गया था। पांचवी काउसिलिंग के तहत संस्थान में ऑन द स्पॉट दाखिला होने थे। साथ ही नए आवेदकों को भी मौका दिया गया था। पांचवीं काउंसिलिंग के बाद की अंतिम 25 अगस्त निर्धारित की गई थी। इसके बावजूद भी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में सीट खाली रह रह गई थी। खाली सीटों को देखते हुए विभाग की ओर से अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई । राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की ओर से सीट भरेन की उम्मीद लगाई जा रही है, लेकिन प्राइवेट आईटीआई में 50 प्रतिशत से अधिक सीट खाली रहने की संभावना है।

खाली सीटों की स्थिति 

राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 204 सीट हैं। अभी तक 177 सीटों पर दाखिले हो चुके हैं। अभी संस्थान में 27 खाली हैं। राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 644 सीटों में से 556 सीट पर दाखिले हो चुके हैं तथा अभी भी संस्थान में 88 सीट खाली हैं। इसके अलावा राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मालड़ा बास में 220 सीट में से 156 पर दाखिले हो चुके है तथा अभी भी 64 सीट खाली हैं। जबकि जिले की 16 प्राइवेट आईटीआई की 1354 सीटों में से अभी भी 842 सीट खाली हैं।

एक दर्जन निजी आईटीआई हो चुकी है बंद

महेंद्रगढ़ जिला में तीन साल के दौरान करीब एक दर्जन प्राइवेट आईटीआई बंद हो चुकी हैं। जिसका कारण विद्यार्थियों के कम दाखिला लेना माना जा रहा हैं। वहीं विद्यार्थियों का मानना है कि निजी आईआईटी में कोर्स करने के बाद अच्छी कंपनी में प्लेसमेंट नहीं मिलता है, जबकि राजकीय आईटीआई में प्रशिक्षण के दौरान ही प्लेसमेंट मिल जाता है। जिले में काफी संख्या में ऐसे युवा है जिन्होंने प्राइवेट आईटीआई से सर्टिफिकेट ले लिया है, लेकिन रोजगार नहीं मिल रहा हैं।

निजी संस्थान में होती है फीस अधिक

राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य हर्षवर्धन शर्मा ने बताया कि निजी संस्थानों में सालाना फीस 25,000 रुपये के आसपास होती है, लेकिन राजकीय आईटीआई में प्रदेश सरकार की ओर से कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की स्कीम चलाई हुई है। विद्यार्थियों संस्थान में ही अच्छी कंपनी में प्लेसमेंट मिल जाता है।

ये भी पढ़ें- खुशखबरी : Narnaul अनाज मंडी में शुरू होगी अंत्योदय रसोई, मात्र 10 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन

Tags: