टिकरी बॉर्डर पर तनाव की स्थिति : धरना स्थल पर रात को ही जुटे किसान, बैरिकेडिंग को हटाने का विरोध

देर रात तक टीकरी बॉर्डर पर गहमागहमी बनी रही। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया और दोहराया कि किसानों की सहमति के बगैर रास्ता नहीं खोला जाएगा। इसके बाद किसान नेताओं के आह्वान पर अपने-अपने ठिकानों पर सो रहे किसान भी वापिस मुख्य धरना स्थल पर पहुंच गए।;

Update: 2021-10-30 05:28 GMT

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

शुक्रवार रात को टिकरी बॉर्डर पर एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई। दिल्ली पुलिस द्वारा रात करीब 9 बजे आखिरी सीमेंट कंक्रीट की बैरिकेडिंग को हटाने का काम शुरू किया गया तो किसानों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए और उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज कराई। किसानों के अनुसार आपसी सहमति हुए बगैर एक तरफा रास्ता खोलना अनुचित है।

देर रात तक टीकरी बॉर्डर पर गहमागहमी बनी रही। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया और दोहराया कि किसानों की सहमति के बगैर रास्ता नहीं खोला जाएगा। इसके बाद किसान नेताओं के आह्वान पर अपने-अपने ठिकानों पर सो रहे किसान भी वापिस मुख्य धरना स्थल पर पहुंच गए। महीनों बाद एक बार फिर रात को किसानों का धरना शुरू हुआ। वक्ताओं ने पुलिस प्रशासन पर धक्के शाही करने का आरोप लगाया। देर रात तक टीकरी बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई थी। पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मौके पर नजर बना रखी थी। जबकि किसान भी देर रात तक बॉर्डर पर पुलिस कार्रवाई के सामने डटे हुए थे।


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