नारनौल : तहसीलदार की कार्यप्रणाली को लेकर जनपरिवेदना समिति की मासिक बैठक में जोरदार हंगामा, मंत्री एवं भाजपा नेताओं में तीखी बहस
कृषि मंत्री ने डीसी को उनके विरुद्ध लंबित जांच पर संज्ञान लेने एवं कड़ी कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश दिए। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा ने तहसीलदार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने पर जनपरिवेदना समिति की मासिक बैठकों में नहीं आने की बात कहते हुए बहिष्कार की घोषणा कर दी।;
हरिभूमि न्यूज : नारनौल
जनपरिवेदना समिति की मासिक बैठक में तहसीलदार की कार्यप्रणाली को लेकर भाजपा नेताओं एवं समिति के चेयरमैन व कृषि मंत्री जेपी दलाल के बीच हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ। तहसीलदार से नाखुश भाजपा नेताओं ने जमकर हंगामा मचाया तथा उन्हें तत्काल सस्पेंड करने की मांग करने लगे, वहीं कृषि मंत्री जेपी दलाल उनसे उनके विरुद्ध एक भी सबूत पेश करने एवं लिखित शिकायत देने की बात कहते रहे। इस दौरान तहसीलदार विकास कुमार भी वहीं मौजूद थे। अंतत: कृषि मंत्री ने डीसी को उनके विरुद्ध लंबित जांच पर संज्ञान लेने एवं कड़ी कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश दिए। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा ने तहसीलदार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने पर जनपरिवेदना समिति की मासिक बैठकों में नहीं आने की बात कहते हुए बहिष्कार की घोषणा कर दी।
हुआ यूं कि पंचायत भवन में जनपरिवेदना समिति की मासिक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें एक-एक करके सभी परिवादों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए निपटा दिया गया। जब सभी परिवादों की सुनवाई हो गई, तब पंचायत भवन पहुंचे फरियादियों की शिकायतें भी मंत्री सुनने लगे। एक शिकायत कांवी मुरारपुर का व्यक्ति लेकर पहुंचा, जो तहसीलदार से जुड़ी हुई थी। इसकी सुनवाई करते हुए मंत्री ने तहसीलदार को पक्ष रखने के लिए अपने पास बुला लिया। जब तहसीलदार अपना पक्ष रख पाते, उससे पहले ही तहसीलदार की कार्यप्रणाली पर सदन में मौजूद लोगों खासकर समिति के सरकारी एवं गैर-सरकारी सदस्यों की आवाज मुखर होने लगी। भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष शिवकुमार मेहता समेत वहां मौजूद अधिकांश भाजपा नेताओं की शिकायत थी कि तहसीलदार की कार्यप्रणाली कतई ठीक नहीं है। वह उनके न तो काम करते हैं और न ही दफ्तर जाने पर उनको बैठने के लिए कुर्सी देते हैं। केवल एक ही कुर्सी रखते हैं और कई बार तो कार्यालय को अंदर से कुंडी मारकर रखते हैं। काम करने के बदले पैसे भी मांगते हैं और भाजपा के पदाधिकारियों की बेइज्जती करते रहते हैं। इनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए और इन्हें अभी मौके पर ही सस्पेंड कर दिया जाए। इस दौरान कई भाजपा नेता आवेश में आ गए और जोर-जोर से बोलने लगे और उनकी इसको लेकर मंत्री से भी तीखी बहस हुई।
भाजपा नेताओं का कहना था कि इतने सारे सदस्य गलत नहीं बोल रहे। इनके विरुद्ध अभी कड़ी कार्रवाई की जाए। तहसीलदार का इस मीटिंग में भी व्यवहार ठीक नहीं है और उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया जाए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो वह अभी इस मीटिंग को छोड़कर जा रहे हैं। इसी बीच अटेली के विधायक सीताराम यादव ने मंत्री एवं भाजपा नेताओं के मध्य बीच-बचाव किया और माहौल को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन करीब आधे घंटे तक जिलाधिकारियों, फरियादियों एवं गणमान्य लोगों की मौजूदगी में स्थिति बेहद हंगामेदार बनी रही। इस मुद्दे पर एसडीएम मनोज कुमार ने भी सदन में पक्ष रखते हुए बताया कि तहसीलदार के विरुद्ध उन्होंने एक जांच की थी, जिसमें वह दोषी पाए गए हैं और उसकी रिपोर्ट बनाकर उन्होंने डीसी को भेज रखी है।
अंतत: समिति चेयरमैन एवं कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि जनपरिवेदना समिति का एक सिस्टम बना हुआ है। किसी के भी विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए शिकायत लिखित होना जरूरी है। यदि वे सबूत के साथ शिकायत देंगे तो वह तहसीलदार को जेल भिजवा देंगे। यदि बिना आधार के हम कोई कार्यवाही करेंगे तो इससे हमारा पक्ष ही कमजोर रहेगा। अंतत: बैठक समाप्त हो गई और भाजपा नेताओं ने कोई कार्यवाही नहीं होने पर नाखुशी जाहिर करते रहे।