पहाड़ी इलाकों में बारिश से यमुना के जलस्तर में उतार- चढ़ाव जारी, प्रशासन ने अलर्ट किया घोषित

सोमवार सुबह तक यमुना नदी का जलस्तर बढ़ना जारी रहा। जिसे देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ संभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी। मगर गनीमत यह रही कि सोमवार सुबह पहाड़ी व मैदानी इलाकों में बारिश बंद होने पर यमुना नदी का जलस्तर घटना शुरू हो गया।;

Update: 2022-09-26 05:56 GMT

हरिभूमि न्यूज. यमुनानगर

पहाड़ी इलाकों और मैदानी इलाकों में कई दिन से चल रही तेज बारिश से यमुना नदी का जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है। इस उतार चढ़ाव के जारी रहने से रविवार रात पहाड़ी इलाकों में हुई तेज बारिश से हथनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर तीन लाख क्यूसिक हो गया। जिसे देखते हुए प्रशासन ने यमुना नदी के साथ लगते बाढ़ संभावित इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया। गनीमत यह रही कि सोमवार सुबह मैदानी व पहाड़ी इलाकों में बारिश थमने के बाद यमुना नदी का जलस्तर घटना शुरू हुआ और यह सुबह साढ़े दस बजे तक दो लाख 41 हजार क्यूसिक हो गया था। 

हथनी कुंड बैराज के सूत्रों की मानें तो पहाड़ी इलाकों में रविवार रात तेज बारिश होने पर यमुना नदी का जलस्तर बढ़ना शुरु हो गया और अर्धरात्रि तक तीन लाख क्यूसिक पहुंच गया। जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया। सूत्रों की मानें तो सोमवार सुबह तक यमुना नदी का जलस्तर बढ़ना जारी रहा। जिसे देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ संभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी। मगर गनीमत यह रही कि सोमवार सुबह पहाड़ी व मैदानी इलाकों में बारिश बंद होने पर यमुना नदी का जलस्तर घटना शुरू हो गया। इस दौरान सुबह पांच बजे यमुना नदी का जलस्तर दो लाख 95 हजार क्यूसिक हो गया। वहीं, सुबह साढ़े दस बजे तक नदी का जलस्तर घटकर 2 लाख 41 हजार क्यूसिक रह गया।

बाढ़ संभावित इलाकों में प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी

यमुना नदी में जलस्तर के उतार चढ़ाव को लेकर वहीं, नदी के साथ लगते इलाकों में किसान अपनी फसलों को लेकर चिंतित हो उठे हैं। किसान सुलेख चंद, महावीर सिंह, कर्मबीर सिंह व विनोद कुमार आदि का कहना है कि यदि पहाड़ी इलाकों में फिर से जोरदार बारिश हो गई तो यमुना नदी उफान पर आने से बाढ़ संभावित इलाकों में नदी का पानी किनारों से बाहर निकल कर उनकी फसलों के लिए नुक्सानदायक बन सकता है।

नदी का जलस्तर बढ़ने पर नहरें की गई हैं बंद

हथनी कुंड के सिंचाई विभाग के एसडीओ धर्मपाल का कहना है कि बीती रात यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने पर सभी नहरें बंद कर दी गई थी। इस दौरान बाढ़ संबंधिक इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया गया था। मगर गनीमत यह है कि अब नदी का जलस्तर घट रहा है। फिलहाल कोई चिंताजनक बात नहीं है।

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