Yamunanagar : फिजिशियन बिना सूना जिला नागरिक अस्पताल
- पिछले 2 वर्ष से जिला नागरिक अस्पताल में खाली पड़ा फिजिशियन का पद
- 105 करोड़ रुपए की लागत से बने जिला नागरिक अस्पताल के 5 मंजिला भवन में मरीज बेहाल
- अस्पताल में रोजाना होती है डेढ़ से दो हजार मरीजों की ओपीडी
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Yamunanagar : मरीजों की सुविधा के लिए 105 करोड़ रुपए की लागत से बने पांच मंजिले जिला नागरिक अस्पताल के भवन में फिजिशियन का पद खाली होने से मरीज बेहाल हैं। अस्पताल में पिछले दो वर्ष से फिजिशियन का पद खाली पड़ा है। खास बात यह है कि जिला नागरिक अस्पताल में रोजाना डेढ़ से दो हजार मरीजों की ओपीडी हो रही है। मगर फिजिशियन नहीं होने से मरीज अपने उपचार के लिए निजी अस्पतालों में जाकर उपचार करवाने को मजबूर हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा मरीजों की सुविधा के लिए शहर स्थित जिला नागरिक अस्पताल को दो सौ बैड बनाने के लिए 105 करोड़ रुपए खर्च कर अस्पताल का पांच मंजिला भवन बनाया गया है। जिसका उद्घाटन भी किया जा चुका है। मगर पिछले दो साल से अस्पताल में फिजिशियन का पद खाली पड़ा होने से लोगों को सामान्य बीमारियों से संबंधित उपचार नहीं मिल पा रहा है। खास बात यह है कि जिला नागरिक अस्पताल में रोजाना ढेड़ से दो हजार की संख्या में मरीजों की ओपीडी हो रही है। जिनमें अधिकांश खांसी, बुखार, जुखाम व हार्ट जैसी बीमारियों से पीडि़त मरीज पहुंच रहे हैं। मगर फिजिशियन का पद खाली होने से मरीज परेशान हैं। उन्हें निजी अस्पतालों में उपचार करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अस्पताल में अनुबंध आधार पर पहले फिजिशियन रखे गए थे। मगर अनुबंध खत्म होने के बाद दोबारा किसी की नियुक्ति नहीं हुई। हालांकि कुछ समय पहले एक फिजिशियन की नियुक्ति की गई थी। मगर उसने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। अस्पताल में मरीजों की रोजाना ओपीडी इतनी हो जाती है कि तीन फिजिशियन तैनात किए जाने जरुरी हैं।
अस्पताल में मेडिकल ऑफिसरों के 23 पद पड़े खाली
जिला नागरिक अस्पताल में मेडिकल अधिकारियों के 55 पद हैं। जिनमें से 23 पद खाली पड़े हैं। वहीं, एमबीबीएस डॉक्टरों को सरकार के कई कार्यक्रमों को कराने का प्रभार सौंपा हुआ है। ऐसे में यह डॉक्टर मरीजों को देखने के बजाय सारा दिन अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं। जिनका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ ्ररहा है।
काफी समय से फिजिशियन का पद
जिला सिविल सर्जन डॉ. मंजीत सिंह का कहना है कि जिले में फिजिशियन का पद काफी समय से खाली है। एक डॉक्टर की नियुक्ति हुई थी। लेकिन उसने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। प्रयास किए जा रहे हैं कि अस्पताल में जल्द से जल्द फिजिशियन का पद भरा जाए।