बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, श्रद्धालुओं ने जय बद्री विशाल के लगाए जयकारे
Badrinath Dham: बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट आज 27 अप्रैल सुबह श्रद्धालुओं द्वारा जय बद्री विशाल के जयकारे और आर्मी बैंड की मधुर धुनों के बीच खुले।;
Badrinath Dham: जय बद्री विशाल के जयकारे और आर्मी बैंड की मधुर धुनों के बीच बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट आज 27 अप्रैल सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खुल गए हैं। उत्तराखंड के चार धामों में से एक बद्रीनाथ के कपाट खुलने के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के बीच खासा उल्लास और जोश देखने को मिला। बद्रीनाथ में सुबह से ही भारी बर्फबारी हो रही है, बावजूद इसके सैकड़ों श्रद्धालु धाम पहुंचे हैं।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले मंदिर को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। देश भर से भक्त बद्रीनाथ मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना करने के लिए एकत्रित हुए हैं। बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो रही है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले कुछ दिनों तक बारिश और बर्फबारी जारी रहेगी और धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों को आवश्यक सावधानी बरतने को कहा गया है।
चार धाम यात्रा 2023
अक्षय तृतीया के शुभ दिन 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए। मंगलवार 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पहली पूजा की गई। पूजा रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवलिंग और धर्माचार्यों द्वारा की गई थी। देश के सबसे शुभ तीर्थों में से एक चार धाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हुई थी। उत्तराखंड के चार धाम में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। गंगोत्री मंदिर देवी गंगा को समर्पित है और यमुनोत्री मंदिर देवी यमुना को समर्पित है।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम यात्रा श्रद्धालुओं के लिए आसान और सुरक्षित हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं। सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संगठनों ने भी यात्रा के लिए पूरा सहयोग दिया है। पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर यात्रा व्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम किया गया है। वहीं, दूसरी ओर संबंधित अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि भारी बारिश और बर्फबारी के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण रोक दिया गया है। हालांकि, 25 अप्रैल मंगलवार को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद पंजीकृत तीर्थयात्रियों को रुद्रप्रयाग की ओर जाने की अनुमति दी गई है।