Badrinath Dham: शीतकाल के लिए बंद हुए भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट, 235 सालों बाद शुरू हुई यह परंपरा

उत्तराखंड (uttarakhand ) स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट (Badrinath Dham Closed) आज से बंद हो गए है। इस अवसर पर करीब 10 हजार तीर्थयात्रियों ने बद्रीनाथ धाम में अंतिम पूजा-अर्चना की।;

Update: 2022-11-19 12:15 GMT

उत्तराखंड (uttarakhand ) स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट (Badrinath Dham Closed) आज से बंद हो गए है। शीतकाल के लिए आज दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर धाम के कपाट बंद कर दिए गए। बद्रीनाथ धाम के सिंह द्वार को गेंदे के फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर करीब 10 हजार तीर्थयात्रियों ने बद्रीनाथ धाम में अंतिम पूजा-अर्चना की।

वही मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी (Ishwari Prasad Namboodiri) ने स्त्री वेश धारण कर बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के गर्भगृह में मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की और उद्धव व कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में लाया गया। इसके साथ ही माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए घृत कंबल को भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाया गया।

इसके बाद दोपहर 3.35 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद कुबेर और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति डोली बामनी गांव के लिए रवाना हुई। अब अगले 6 महीने तक पांडुकेश्वर और जोशीमठ में भगवान बदरीनाथ की पूजा-अर्चना की जाएगी।

वही कपाट बंद होने के अवसर पर श्रद्धालुओं (Devotees) ने सेना की मधुर बैंड धुनों पर नृत्य किया। इस अवसर पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज भी उपस्थित थे। साथ ही बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी मौजूद रहे। बता दें इस साल 17 लाख 60 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने बद्रीनाथ धाम के दर्शन किए, जो अब तक का रिकॉर्ड है।

235 साल बाद फिर शुरू हुई परंपरा 

श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट आज बंद हो गए हैं। इसके साथ ही चार धाम यात्रा का समापन हो गया हैं। 235 साल बाद यह पहला मौका है, जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के समय ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज मौजूद रहे. कपाट बंद होने के समय ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की उपस्थिति की परंपरा करीब 235 साल बाद एक बार फिर शुरू हुई है।

श्री केदारनाथ धाम भी हो चुके है बंद

श्री बदरीनाथ धाम से पहले श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर 2022 को प्रातः 08 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए गए थे। इसके अलावा श्री गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर को दोपहर 12.01 बजे और श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्टूबर को दोपहर अभिजीत मुहूर्त में बंद कर दिए गए थे।

केवल 6 महीने के लिए ही खुलते हैं कपाट

चार धाम के प्रमुख मंदिरों के कपाट केवल 06 माह के लिए ही खोले जाते हैं। इन धामों के कपाट ग्रीष्मकाल की शुरुआत में अप्रैल के अंत या मई के प्रारंभ में खोले जाते हैं और नवंबर में इन्हें बंद कर दिया जाता है। बर्फबारी को चलते इनके कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

Tags:    

Similar News