Uttarakhand: अब टिहरी गढ़वाल पर मंडराया संकट, कई घरों में आईं दरार, लोगों ने सरकार से लगाई ये गुहार
जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने और मकानों में दरार आने का सिलसिला थम नहीं रहा है। वहीं, एक और घटना ने स्थानीय प्रशासन और सरकार को चिंता में डाल दिया है। जानें क्या है नई घटना...;
उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने और मकानों में दरारें आने का सिलसिला लगातार जारी है। इसको लेकर प्रशासन और सरकार (Uttarakhand Government) हाई अलर्ट पर है। साथ ही, इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) खुद पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, अब तक जोशीमठ से 82 परिवारों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
प्रशासन अब ऐसी इमारतों को गिराने की तैयारी में है, जो काफी खतरे में हैं। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से कुल 678 इमारतों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है। वहीं, जोशीमठ की घटना ने सभी को हैरान कर दिया है। इस बीच टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal) में भी मकानों में दरारें और जमीन धंसने की घटनाएं सामने आई हैं।
हालात को देखकर स्थानीय लोगों में इस कदर दहशत है कि कई परिवारों ने अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर शरण ले ली है। स्थानीय लोगों के अनुसार टिहरी झील से सटे गांवों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां से होकर चंबा सुरंग गुजर रही है। इन घटनाओं से दो दर्जन से अधिक परिवार प्रभावित हैं। लोगों ने खतरे की स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन (Local Administration) व सरकार से समय पर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यहां भी लोगों ने घरों में दरार के लिए चंबल टनल को जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि ऑल वेदर प्रोजेक्ट के तहत बनी 440 मीटर लंबी सुरंग के निर्माण के बाद इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार चंबल सुरंग बनने के समय ही घरों में दरारें नजर आने लगी थी। इसको लेकर एक सर्वे भी किया गया था। सर्वे का नतीजा जानने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। स्थानीय निवासी दीपक तिवारी का कहना है कि हालात को देखते हुए वह अपना घर छोड़कर किराए पर रहने को विवश है। अगर सरकार की उदासीनता ऐसे ही चलती रही, तो यह स्थान भी अगला जोशीमठ (Joshimath) बन जाएगा।