डॉ. जयंतीलाल भंडारी का लेख : युवा बनाएंगे विकसित भारत की तस्वीर

इन दिनों प्रकाशित हो रही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में एकमत से डिजिटल कौशल और तेज आर्थिक विकास के कारण युवाओं के लिए देश और विदेश में रोजगार के मौके बढ़ने और वैश्विक मंदी की चुनौतियों के बीच भारत के तेजी से विकास की ओर बढ़ रही डगर रेखांकित हो रही है।;

Update: 2023-12-14 11:16 GMT

इन दिनों प्रकाशित हो रही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में एकमत से डिजिटल कौशल और तेज आर्थिक विकास के कारण युवाओं के लिए देश और विदेश में रोजगार के मौके बढ़ने और वैश्विक मंदी की चुनौतियों के बीच भारत के तेजी से विकास की ओर बढ़ रही डगर रेखांकित हो रही है। जिस तरह 11 और 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अमृतकाल में नई पीढ़ी को विकास के लिए लंबी छलांग लगाने के जो मंत्र सौंपे हैं, उनके मद्देनजर देश के युवा और शासन-प्रशासन समन्वित रूप से दुनिया में सामर्थ्यवान भारत की तस्वीर बनाते हुए आगे बढ़ेंगे और वर्ष 2047 तक देश विकसित देश के रूप में रेखांकित होता दिखाई देगा।

12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और वैश्विक साझेदारी’ (जीपीएआई) पर शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एआई 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा जरिया बन सकती है। ऐसे में भारतीय युवाओं में शीघ्र ही एआई कम्प्यूटरिंग क्षमता को बढ़ाने का व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके तहत देशभर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के मौजूदा नेटवर्क का इस्तेमाल टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में युवाओं को एआई कौशल सिखाने में भी होगा। इससे देश की नई पीढ़ी स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ाते हुए मानवीय मूल्यों के साथ देश के तेज विकास के लिए आगे बढ़ेगी।

इसी तरह 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के राजभवनों में आयोजित ‘विकसित भारत @ 2047: युवाओं की आवाज कार्यक्रम’ को वर्चुअली संबोधित करते हुए युवाओं को संदेश दिया कि यह भारत का अमृतकाल है और भारत के इतिहास का ऐसा कालखंड है जब देश की नई पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के संकल्प को मुठ्ठी में लेकर लंबी छलांगें लगाते हुए 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के सपने को साकार कर सकती है। गौरतलब है कि नीति आयोग की ओर से 10 दिसंबर को देश के विकास पर एक परिपत्र जारी करते हुए कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से जिस तरह प्रधानमंत्री कौशल विकास, समग्र शिक्षा, जनधन योजना, स्टार्टअप इंडिया और उच्च व तकनीकी शिक्षा के विस्तार कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़ाए गए हैं, उनसे भारत डिजिटल कौशल से सुसज्जित नई पीढ़ी और तेज आर्थिक विकास के दम पर 2027 में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 में 30 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनते हुए विकसित देश बनते हुए दिखाई दे सकेगा।

यकीनन इन दिनों प्रकाशित हो रही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में एकमत से डिजिटल कौशल और तेज आर्थिक विकास के कारण युवाओं के लिए देश और विदेश में रोजगार के मौके बढ़ने और वैश्विक मंदी की चुनौतियों के बीच भारत के तेजी से विकास की ओर बढ़ रही डगर रेखांकित हो रही है। जहां देश अपने पास दुनिया की सर्वाधिक 6.5 फीसदी विकास दर रखते हुए रोजगार के नए अवसर निर्मित करते हुए दिखाई दे रहा है, वहीं तेजी से बढ़ती देश की अर्थव्यवस्था की अहमियत को समझते हुए दुनिया के उद्यमियों और प्रवासी भारतीयों के कदम भी भारत की ओर बढ़ रहे हैं। हाल ही में सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल में हिस्सा लेते हुए उद्योग संगठन नैस्कॉम के पूर्व चेयरमैन सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और देश की विकास गाथा में शामिल होने के लिए अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया भर से भारतीय उद्यमी वापस अपनी मातृभूमि की ओर लौट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारतीय कुशल श्रमिकों, डॉक्टरों और छात्रों ने ब्रिटेन की वीजा सूची में अपनी ऊंचाई कायम रखी है।

जुलाई 2022 से जून 2023 के एक वर्ष में सबसे ज्यादा भारतीयों को ही ब्रिटेन का वीजा मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 से 2022 के बीच भारतीयों को स्किल्ड वर्कर्स वीजा में करीब 63 फीसदी की बढ़ोतरी सामने आई है। इसी तरह हाल ही में प्रकाशित ब्लूमबर्ग की नई रोजगार रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल सरकार ने एक लाख भारतीयों युवाओं को इजराइल में नौकरी के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है। इसी तरह भारत और ताइवान के बीच नौकरियों को लेकर एक अहम समझौता अतिशीघ्र ही होने की उम्मीद है। इस समझौते के तहत ताइवान में भारत के एक लाख श्रमिकों को नौकरी मिलेगी। दरअसल ताइवान में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। उसे मैन्युफैक्चरिंग, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रमिकों की जरूरत है, जो उसे अपने देश में नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में ताइवान ने इस परिप्रेक्ष्य में भारत की तरफ समझौते के हाथ बढ़ाए हैं। ज्ञातव्य है कि श्रमिकों की मोबिलिटी को लेकर भारत का जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस समेत 13 देशों के साथ समझौता हो चुका है।

इनमें से ज्यादातर देश आबादी के बूढ़े होने की समस्या से कौशल प्रशिक्षित नई पीढ़ी के श्रमिकों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। इन दिनों पूरी दुनिया में अर्थविशेषज्ञ एवं जनसंख्या विशेषज्ञ यह टिप्पणी करते हुए दिखाई दे रहे हैं कि सर्वाधिक युवा आबादी वाला भारत चीन की तरह अपनी युवा आबादी को गुणवत्तापूर्ण एवं नए दौर के डिजिटल कौशल से सुसज्जित कर दुनिया की नई आर्थिक शक्ति बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एक अरब 42 करोड़ 86 लाख आबादी के साथ भारत दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश बन गया है। जबकि दूसरे स्थान पर चीन की इस रिपोर्ट के मुताबिक युवा आबादी के मामले में भारत की स्थिति चीन से अच्छी है। जहां इस समय भारत की करीब 50 फीसदी आबादी 25 साल में कम उम्र की है। वहीं 25.4 करोड़ आबादी 15 से 24 वर्ष के आयु वर्ग में है। भारत की 66 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है।

भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी के कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, रोबोटिक्स, ग्रीन एनर्जी, चौथी औद्योगिक क्रांति और डिजिटल पेमेंट की डगर पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में नई पीढ़ी को देश और दुनिया में बढ़ती हुई रोजगार की नई संभावनाओं के मद्देनजर अच्छी अंग्रेजी, कम्प्यूटर-आईटी दक्षता, कोडिग स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल्स, जनसंचार, वेब डिजाइन, कौशल बाजार अनुसंधान, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन, क्लाउड कम्प्यूटिंग, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों से भी सुसज्जित किया जाना होगा। अब देश में स्किल इंडिया डिजिटल से कौशल, शिक्षा और उद्यमशीलता के लिये डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का पूरा लाभ लेते हुए नई पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक रोजगार अवसर निर्मित किए जाने होंगे। साथ ही देश में इस वर्ष 2023-24 से शुरू प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 के माध्यम से देश के युवाओं को निर्धारित किए गए तकनीक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कौशल और प्रशिक्षण से सुसज्जित करके रोजगार की डगर पर आगे बढ़ाना होगा। निश्चित रूप से भारत के ये आर्थिक आधार विकसित भारत की संभावनाओं के आधार हैं। विकसित देश बनने के लिए 2047 तक लगातार 7 से 8 फीसदी की दर से बढ़ना होगा।

हम उम्मीद करें कि जिस तरह 11 और 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अमृतकाल में नई पीढ़ी को विकास के लिए लंबी छलांग लगाने के जो मंत्र सौंपे हैं, उनके मद्देनजर देश के युवा और शासन-प्रशासन समन्वित रूप से दुनिया में सामर्थ्यवान भारत की तस्वीर बनाते हुए आगे बढ़ेंगे और वर्ष 2047 तक देश विकसित देश के रूप में रेखांकित होता हुआ दिखाई देगा।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी  (लेखक अर्थशास्त्री हैं, ये उनके अपने विचार हैं।) 

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