10 Mukhi Rudraksha: जानें 10 मुखी रुद्राक्ष की पहचान और धारण करने के नियम

10 Mukhi Rudraksha: जानें 10 मुखी रुद्राक्ष की पहचान और धारण करने के नियम
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ऐसा मान्यता है कि जो भी जातक 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करता है, वह अधिक प्रभावशाली बन जाता है। तो आइए जानते हैं 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के नियम क्या है और इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं।

Benefits of wearing 10 Mukhi Rudraksha: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का बहुत ही ज्यादा महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, 10 मुखी रुद्राक्ष पर भगवान विष्णु का आधिपत्य होता है। मंत्र महार्णव, निर्णयसिन्धु और श्रीमद् देवी भागवत पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु का आशीर्वाद 10 मुखी रुद्राक्ष को प्राप्त है। ऐसा मान्यता है कि जो भी जातक 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करता है, वह अधिक प्रभावशाली बन जाता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु और महादेव का आशीर्वाद भी प्राप्त हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी जातक 10 मुखी रुद्राक्ष धारण कर लेता है, उसे हर प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। तो आइए जानते हैं 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के नियम क्या है और इसका पहचान कैसे कर सकते हैं।

10 मुखी रुद्राक्ष का ऐसे करें पहचान

शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष की पहचान उसमे पड़ी धारियों के आधार पर की जाती है। अगर किसी रुद्राक्ष में 10 धारिया है तो वह 10 मुखी रुद्राक्ष कहलाता है।

10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम

शास्त्रों के अनुसार, 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगाजल या किसी शुद्ध जल से स्नान करा दें। इसके बाद इस रुद्राक्ष पर थोड़ा सा चंदन घिसकर लगाएं। चंदन घिसने के बाद इसे थोड़ा धूप में रख दें और इस रुद्राक्ष पर एक सफेद फूल चढ़ा दें। फिर उस रुद्राक्ष को शिवलिंग या शिव मूर्ति से स्पर्श कराकर एक मंत्र ओम नमः शिवाय का कम से कम 11 बार जाप करें। इसके बाद 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करें।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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