Pradosh Vrat 2022: साल 2022 के पहले प्रदोष व्रत पर पढ़ें ये पवित्र कथा, सभी मनोकामना भगवान शिव करेंगे पूर्ण

Pradosh Vrat 2022: हिन्दू सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही उत्तम व्रत बताया गया है। प्रदोष व्रत सभी प्रकार के सुखों को देने वाला उत्तम व्रत है, इसके प्रभाव से सभी दुखों का नाश होता है और व्यक्ति को सभी सुख प्राप्त होते हैं। प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति के ऊपर भगवान शिव सदैव प्रसन्न रहते हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, किसी भी व्रत के पीछे कोई ना कोई कथा और मान्यता जुड़ी होती है। तो आइए आज शनि प्रदोष व्रत के दिन जानें प्रदोष व्रत की पौराणिक कथा के बारे में...
प्रदोष व्रत की पौराणिक कथा
बहुत समय पहले एक सेठ रहा करता था। वह सेठ धन-धान्य से परिपूर्ण था लेकिन वह हमेशा दुखी और परेशान रहा करता था। उसके दुख की वजह यह थी कि उसकी एक भी संतान नहीं थी। एक दिन सेठ ने अपना सारा कारोबार नौकरों को दे दिया और अपनी पत्नी के साथ तीर्थ यात्रा पर चला गया।
अपने गांव से बाहर निकलते ही उसे एक साधु मिला जो भक्ति में लीन था। साधु को देखते ही वह उनका आशीर्वाद लेने के लिए चला गया। साधु भक्ति में लीन थे इसीलिए सेठ और सेठानी उसके पास बैठ गए। जब साधु ने अपनी आंखें खोली तब उसे पता चला कि सेठ और सेठानी उसके आशीर्वाद के लिए बहुत देर से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
साधु ने सेठ को बताया कि वह उसके दुख के कारण को अच्छी तरह से जानता है। दुखों के निवारण के लिए साधु ने सेठ को प्रदोष व्रत करने की सलाह दी। साधु से प्रदोष व्रत की विधि और महात्मय जानकर वह दोनों तीर्थ यात्रा पर चले गए। जब वह दोनों तीर्थ यात्रा से वापस लौटे तो प्रदोष व्रत करने की तैयारी में जुट गए। सेठ और सेठानी ने प्रदोष व्रत किया जिसके फलस्वरूप उन्हें एक सुंदर पुत्र मिला।
भगवान ने जैसे सेठ और सेठानी की मनोकामना पूरी की, वैसे ही कथा कहने और सुनने वालों की भी करें। व्रत करने वालों और उनके परिवार के सभी लोगों को मनोवांछित फल प्रदान करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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