Famous Temples in Delhi: दिल्ली के ये 5 प्रसिद्ध मंदिर जीत लेंगे आपका दिल, दुनिया के हर कोने से पहुंचते हैं श्रद्धालु

Delhi Most Famous Temples: दिल्ली भारत की राजधानी होने के साथ ही यह केंद्र-शासित प्रदेश है। केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों-कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय दिल्ली में स्थापित है। बता दें कि दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1483 वर्ग किलोमीटर है। इसके साथ ही आबादी की बात करें तो यह देश के दूसरे स्थान है। दिल्ली शहर यमुना नदी के किनारे स्थित है। दिल्ली देश की राजधानी और राजनीति का प्रमुख केंद्र होने के साथ-साथ यह देश के पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र हैं। यहां दुनियाभर से लोग आते रहते हैं, जो कि लाल किला, जामा मस्जिद, कुतुबमीनार, राजघाट, मुगल शैली में बना हुमायूँ का मकबरा, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, इंडिया गेट और पुराना किला आदि को देखने पहुंचते हैं। दिल्ली में ऐतिहासिक स्थानों के साथ-साथ यहां संस्कृति, मुगल वास्तुकला, तरह-तरह के संग्रहालय, औपनिवेशिक इमारतों और लगभग सभी धर्मों के तरह-तरह के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का समावेश देखने को मिलता है। आज इस खबर में हम दिल्ली के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपनी वास्तुकला और धार्मिक मान्यताओं के लिए जाने जाते हैं।
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ये हैं दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध मंदिर
अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में स्थित है। यह मंदिर भगवान स्वामी नारायण को समर्पित है। बता दें कि अक्षरधाम मंदिर भारत के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक हैं। इस मंदिर को स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में बनाने में लगभग 11 हजार कारीगरों का इस्तेमाल किया गया था। यह मंदिर इतना विशेष है कि इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। ऐसे में अगर आप दिल्ली में हैं या दिल्ली घूमने आ रहे हैं तो इस मंदिर को अवश्य देखने जाएं।
कालकाजी मंदिर
कालकाजी मंदिर दक्षिण दिल्ली के नेहरू प्लेस के कालकाजी इलाके में स्थिति है। यह मंदिर माता काली देवी को समर्पित है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर को मनोकामना सिद्ध पीठ मंदिर के नाम से जाना जाता है। अभी के समय इस मंदिर के चारों ओर संगमरमर से सुशोभित हैं और इसके साथ ही मंदिर के चारों ओर पिरामिड आकार के स्तंभों से घिरा हुआ है।
इस्कॉन मंदिर
नई दिल्ली के कैलाश क्षेत्र के पूर्वी भाग में इस्कॉन मंदिर स्थित है। अगर मंदिर की स्थापना की बात करें तो 1998 ई. में की गई थी। कहा जाता है कि इस मंदिर का उद्घाटन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किया गया था। इस्कॉन मंदिर भगवान श्री कृष्ण और देवी राधा को समर्पित है। इस मंदिर को श्री राधा पार्थसारथी मंदिर के नाम से जाना जाता है। जन्माष्टमी नजदीक आने के साथ ही इस्कान मंदिर को सजाने के लिए भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। यहां का भव्य नजारा देखकर आप भी यहां के माहौल में खो जाएंगे।
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छतरपुर मंदिर
छतरपुर मंदिर दिल्ली के सबसे बड़े और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। यह गुड़गांव-महरौली मार्ग के पास छतरपुर इलाके में स्थित है। इस मंदिर का स्थापना 1974 ई. में श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ द्वारा किया गया था। छतरपुर मंदिर माता कात्यायनी को समर्पित है, इसलिए इस मंदिर का दूसरा नाम कात्यायनी शक्तिपीठ रखा गया है। इस मंदिर को देखने के लिए देश के हर हिस्से से भक्त भारी संख्या में यहां पहुंचते हैं। विशेषकर नवरात्रि के दिनों में तो भक्तों की भीड़ इतनी अधिक होती है कि पांव रखने की भी जगह नहीं मिलती है। हालांकि पिछले सालों में इस मंदिर के भीतर जो विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, उससे भक्तों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कमल मंदिर
नई दिल्ली के खूबसूरत मंदिरों में से एक कमल मंदिर है, जिसका निर्माण कार्य 1986 में संपन्न हुआ। यह मंदिर दिल्ली के कालकाजी नेहरू प्लेस के पिछले भाग में स्थित एक बहाई उपासना स्थल है, जहां कमल मंदिर स्थित हैं। इस मंदिर का आकार बिल्कुल कमल जैसी है। इसलिए इस मंदिर को कमल मंदिर या लोटस टेपंल के नाम से भी जाता है। इस मंदिर में खास बात यह है कि यहां पर आपको किसी भगवान की कोई मूर्ति नहीं खाई देगी, लेकिन इसके बावजूद भी यहां सभी धर्म के लोग प्रार्थना और ध्यान के लिए आते रहते हैं।
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