गरुड़ पुराण के अनुसार स्नान न करने पर नहीं मिलता शुभ कार्यों का पुन्य, आप भी जानें

गरुड़ पुराण के अनुसार स्नान न करने पर नहीं मिलता शुभ कार्यों का पुन्य, आप भी जानें
X
गरुण पुराण में प्रतिदिन स्नान करने के महत्व के बारे भगवान ब्रहमा जी ने बताया है। गरुण पुराण के अनुसार प्रतिदिन स्नान न करना पाप की श्रेणी में तो नहीं आता है। लेकिन ब्रहमा जी द्वारा कहे वाक्य के अनुसार प्रतिदिन स्नान करना मनुष्य का धर्म माना गया है। गरुण पुराण में ब्रहमा जी ने कहा है कि रात को सुख पूर्वक सोये हुए व्यक्ति के मुख से लार व अपिवत्र मल गिरते रहते हैं। इसलिए सुबह उठकर धार्मिक कार्य करने पहले स्नान करके इस अपवित्रता को धो देना अति आवश्यक है।

गरुण पुराण में प्रतिदिन स्नान करने के महत्व के बारे भगवान ब्रहमा जी ने बताया है। गरुण पुराण के अनुसार प्रतिदिन स्नान न करना पाप की श्रेणी में तो नहीं आता है। लेकिन ब्रहमा जी द्वारा कहे वाक्य के अनुसार प्रतिदिन स्नान करना मनुष्य का धर्म माना गया है। गरुण पुराण में ब्रहमा जी ने कहा है कि रात को सुख पूर्वक सोये हुए व्यक्ति के मुख से लार व अपिवत्र मल गिरते रहते हैं। इसलिए सुबह उठकर धार्मिक कार्य करने पहले स्नान करके इस अपवित्रता को धो देना अति आवश्यक है।

गरुण पुराण मे ब्रहमा जी कहते हैं कि बिना स्नान किए धार्मिक कार्य करने से कोई फल नहीं मिलता। इसके विपरित गरुण पुराण में बिना स्नान किए व्यक्ति अगर नए दिन की शुरुआत करता है तो उस व्यक्ति को पापी माना गया है। बिना स्नान किए व्यक्ति के आसपास अनिष्टकारी शक्तियां घेरा बनाये रहती हैं। क्योंकि नकारात्मक शक्तियों को रहने के लिए भी स्थान चाहिए, और नकारात्मक शक्तियां वहां रहती हैं जहां अपवित्रता का वास हो। इसलिए गरुण पुराण में यह कहा गया है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन स्नान नहीं करता वह व्यक्ति बुरी ताकतों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। गरुण पुराण में अलक्ष्मी, कालकरणी, क्लेश, द्वेष और त्रुटि जैसी ताकतों को अनिष्टकारी शक्तियां कहा गया है। इन अनिष्टकारी शक्तियों में कालकरणी शुभ कार्यों में विघ्न डालने वाली शक्ति है। यानि जो व्यक्ति प्रतिदिन स्नान नहीं करता उसके कार्यों में विघ्न आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। क्योंकि वह व्यक्ति कालकरणी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।

वहीं इन शक्तियों में अलक्ष्मी का जिक्र किया गया है। जानकारी के अनुसार अलक्ष्मी माता लक्ष्मी की बहन है। लेकिन माता लक्ष्मी के विपरित अलक्ष्मी निर्धनता की देवी है। यानि कि प्रतिदिन स्नान न करने वाला व्यक्ति कभी धनवान नहीं होता।

स्नान न करने वाले व्यक्ति के कार्यों में त्रुटियां अकसर होती रहती हैं। जिस कारण उसके हाथ असफलता लगती है। और वह व्यक्ति यश की प्राप्ति नहीं कर पाता है।

गरुण पुराण में ब्रहमा जी ने कहा है कि स्नान ना करने वाले व्यक्ति अपने निजी जीवन में भी क्लेश से घिरे रहते हैं। स्नान करना कितना आवश्यक है यह समझाते हुए ब्रहमा जी ने कहा कि स्नान करने से दुस्वपन व दुविचार से किए जाने वाले पाप भी धुल जाते हैं। और व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत अपने इन पापों से मुक्ति पाकर कर सकता है।

Tags

Next Story