Jyotish shastra: पति-पत्नी इस खास दिन संबंध ना बनाएं, नहीं तो आपकी पैदा होने वाली संतान हो सकती है किन्नर और बिगड़ैल

Jyotish shastra: गर्भ उपनिषद में स्त्री-पुरुष के संबंध बनाने से लेकर गर्भ धारण की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही इस महान ग्रंथ में किन्नर के जन्म का भी वर्णन किया गया है। गर्भ उपनिषद में बताया गया है कि किस प्रकार या किस कारण से एक किन्नर का जन्म होता है। तो आइए जानते हैं गर्भ संस्कार के कुछ ऐसे नियमों के बारे में जिनका पालन नहीं करने पर आपकी संतान के रुप में किन्नर का जन्म अवश्य होता है।
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शास्त्रों के अनुसार मंगलवार के दिन शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए, इससे कुंडली ग्रह दोष लगता है और होने वाली संतान किन्नर पैदा होती है साथ ही साथ ऐसी संतान बिगड़ैल स्वभाव की भी होती है। मंगल को ज्योतिष में अत्यंत क्रोधी और विनाशकारी ग्रह माना जाता है। इसलिए इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही है। और इस दिन गलती से भी संतान की प्राप्ति के बारे में कभी मत सोचना। नहीं तो आपकी होने वाली संतान किन्नर पैदा हो सकती है। और वहीं दूसरा दिन शनिवार है। शनिवार के दिन का स्वामी शनि ग्रह है। जोकि क्रूर और पापी ग्रह समझा जाता है। शनिवार के दिन गर्भ धारण करने से जो संतान उत्पन्न होती है वह निराशावादी एवं नाकारात्मक सोच से परिपूर्ण होती है। ऐसी संतान आपका विनाश कर सकती है। रविवार का दिन सूर्य भगवान को समर्पित है। इसे शुभ दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन भी शारीरिक संबंध बनाना महापाप कहलाता है। और आपकी होने वाली संतान आपको कभी भी कष्ट पहुंचा सकती है। इसलिए सावधान रहें।
गर्भ संस्कार के अनुसार आपको सोमवार, बुधवार बृहस्पतिवार और शुक्रवार के दिन शारीरिक संबंध बनाने से आपको पैदा होने वाली संतान आपकी आज्ञाकारी और अनुशासन में रहने वाली होती है। गर्भ संस्कार के अनुसार ये दिन गर्भधारण के लिए बहुत ही शुभ दिन माने जाते हैं। इन चार दिनों के गर्भ धारण करने से उत्पन्न हुई, संतान माता-पिता की आज्ञाकारी, सेहतमंद और मानसिक रुप से तेज होती है। इसलिए कभी भी संतान की प्राप्ति की इच्छा अगर आपके मन में हो तो इन चार दिनों में ही प्रेम संबंध बनाएं। लेकिन शनिवार, मंगलवार और रविवार के दिन बिलकुल भी प्रेम संबंध स्थापित ना करें। क्योंकि ये दिन आपके लिए शुभ नहीं हैं।
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